22 Aug 2025, Fri
  • उत्तराखंड के 37 युवा भारतीय सेना में अफसर बने

  • पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के 66 और हरियाणा के 38 कैडेट्स पास आउट हुए

  • नौ मित्र देशों के 84 विदेशी कैडेट भी पास आउट

देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग पार करते ही 341 नौजवान भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 09 मित्र देशों देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम, टोंगा, मालदीव और किर्गिस्तान के 84 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 987 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ जाएगा, इनमें मित्र देशों को मिले 2587 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। परेड के उपरांत आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले।

इस बार भी उत्तराखंड के 37 युवा भारतीय सेना में अफसर बनेंगे तथा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के 66 और हरियाणा के 38 कैडेट्स पास आउट हुए। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार समारोह छोटे स्तर पर किया गया। पिछली बार की तरह इस बार भी कैडेट्स के परिजन पासिंग आउट परेड नहीं देख पाए।

ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड शुरू हुई। सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। बारिश की वजह से आज शनिवार को पासिंग आउट परेड दो घंटे की देरी से शुरू हुई। डिप्टी कमांडेंट जगजीत सिंह ने परेड की सलामी ली। कमांडेंट हरिंदर सिंह ने परेड की सलामी ली। जिसके बाद ले. जनरल आरपी सिंह परेड स्थल पहुंचे और परेड की सलामी ली।

कैडेट्स के शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठा हर एक शख्स मंत्रमुग्ध हो गया। ले.जनरल सिंह ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। मुकेश कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। जबकि दीपक सिंह को स्वर्ण, मुकेश कुमार को रजत व लवनीत सिंह को कांस्य पदक मिला। दक्ष कुमार पंत ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। किन्ले नोरबू सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ बैनर डोगराई कंपनी को मिला। इस दौरान आइएमए कमान्डेंट ले जनरल हरिंदर सिंह,डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जगजीत सिंह मंगत समेत कई सैन्य अधिकारी मौजूद थे।

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