नई दिल्ली। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 पेश किया। संसद में उन्होंने टैबलेट पर डिजिटल बजट पढ़ते हुए अपने भाषण का आगाज किया।इसके बाद पीएम मोदी ने बजट को लोगों के अनुकूल और प्रगतिशील बताया है। बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बजट 2022 में मिडिल क्लास को मायूसी हाथ लगी है। उम्मीद की जा रही थी कि इनकम टैक्स स्लैब में इस बार छूट दी जा सकती है लेकिन इस बजट में Income Tax slab में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बजट में हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट जैसे क्षेत्रों के लिए पहली बार पर्वतमाला योजना शुरू की जा रही है। ये योजना पहाड़ों पर ट्रांसपोर्टेशन की आधुनिक व्यवस्था का निर्माण करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट हिमालयी राज्य उत्तराखंड के लिए थोड़ी उम्मीद जगाता दिख रहा है। आम बजट में राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण के रूप में एक लाख करोड़ के आवंटन की व्यवस्था की गई है। इससे उत्तराखंड को अपनी अर्थव्यवस्था और विकास की गति को बनाए रखने में मदद मिलेगी। इससे राज्य में पूंजीगत व्यय और परिसंपत्तियों के निर्माण में मदद मिलेगी। आय के सीमित साधनों वाले उत्तराखंड को अवस्थापना विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए ऋण लेने और इस पर लगने वाले ब्याज के बोझ से छुटकारा मिलेगा। पहाड़ी जिले नियमित हवाई सेवा और रेल लाइन के लिए बड़ी घाोषणाओं की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
इसके अलावा क्रिप्टोकरंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया गया है। सीतारमण ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी। इस बजट में 16 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश अभी भी कोरोना संक्रमण से गुजर रहा है। 2014 के बाद से हमारा जोर रहा है कि हम नागरिकों को खासकर गरीबों को सशक्त कर सकें। रोजगार के मुद्दे पर उन्होने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी। जबकि मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी। केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि अब क्रिप्टोकरेंसी टैक्स के दायरे में आएंगी। इससे होने वाली आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
बजट 2022 विकास का नया विश्वास लेकर आया हैः पीएम
बजट पर पीएम मोदी ने कहा कि ये बजट 100 साल की भयंकर आपदा के बीच, विकास का नया विश्वास लेकर आया है। ये बजट, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही सामान्य मानवी के लिए, अनेक नए अवसर बनाएगा। पीएम ने कहा कि ये बजट अधिक बुनियादी ढांचा, अधिक निवेश, अधिक विकास और और अधिक नौकरियों की नई संभावनाओं से भरा हुआ है। इससे ग्रीन जॉब्स का भी क्षेत्र और खुलेगा। पीएम ने कहा कि हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट जैसे क्षेत्रों के लिए पहली बार पर्वतमाला योजना शुरू की जा रही है। ये योजना पहाड़ों पर ट्रांसपोर्टेशन की आधुनिक व्यवस्था का निर्माण करेगी। कहा गया कि किसानों के कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यहां उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में गंगा किनारे, नैचुरल फॉर्मिंग को प्रोत्साहन दिया जाएगा इसका जिक्र किया।
Budget 2022 में ये होगा सस्ताः- चमड़ा, कपड़ा, खेती का सामान, पैकेजिंग के डिब्बे, मोबाइल फोन चार्जर और जेम्स एंड ज्वैलरी सस्ते होंगे। जेम्स एंड ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। कट और पॉलिश्ड डायमंड पर भी कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। एमएसएमई को मदद मुहैया कराने के लिए स्टील स्क्रैप पर कस्टम ड्यूटी छूट को 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। मेंथा ऑयल पर कस्टम ड्यूटी को घटाया गया। मोबाइल फोन के चार्जर, ट्रांसफॉर्मर आदि पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है, ताकि घरेलू मैन्युफैक्टरिंग को बढ़ावा दिया जा सके।
Budget 2022 में ये हुआ महंगाः- कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट को खत्म करते हुए 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है। इमिटेशन ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई, ताकि इसके आयात को कम किया जा सके। विदेशी छाता भी महंगा होगा।
बजट 2022 में क्या है खासः-
कौशल विकास कार्यक्रमों को नए सिरे से शुरू किया जाएगा, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें।
नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन प्रोग्राम उद्योगों की जरूरत के अनुसार बनाया जाएगा।
राज्यों में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों को भी जरूरत के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा।
देश के विभिन्न इलाकों में स्कूली बच्चों की पढ़ाई के दो साल महामारी के कारण बर्बाद हुए हैं।
डीटीएच प्लेटफॉर्म पर प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना के तहत एक चैनल एक क्लास योजना को 12 से 200 टीवी चैनल योजना तक बढ़ाया जाएगा।
कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के बच्चों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी, ताकि डिजिटल टूल्स को बेहतर उपयोग कर सकें।
सभी भारतीय भाषाओं में टीवी, इंटरनेट, रेडियो और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिये गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि शिक्षकों को ई-कंटेंट मिल सके।
शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा।
पांच शीर्ष शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाएगा। इन्हें 25 हजार करोड़ का विशेष फंड दिया जाएगा। एआईसीटीई इन संस्थानों के लिए फैकल्टी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की देखरेख करेगा।
दो लाख आंगनबाड़ी को अपग्रेड किया जाएगा।
अगले पांच साल में 30 लाख अतिरिक्त नौकरियां सृजित करने का वादा