हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों का भैंसा बुग्गी में बैठकर दौरा कर पिछले दिनों ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों को देखा और किसानों का दर्द जाना। किसान अपनी फसलों के नुकसान को बताते बताते हुए रो पड़े। किसानों ने बताया कि सब कुछ बर्बाद हो गया है। अपने खानेभर के लिए भी गेहूं नहीं होगा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उन्हें ढांढस बंधाया और कहा कि वह जिलाधिकारी और मुख्य सचिव से वार्ता कर उनकी मदद कराने का प्रयास करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के मिस्सरपुर, पंजनहेड़ी, जियापोता, अजीतपुर, गाडोवाली, कटारपुर, चांदपुर, फेरूपुर, बहादरपुरजट, रानीमाजरा, शाहपुर, बादशाहपुर सहित कई गांवों का दौरा किया। पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि के कारण इस क्षेत्र में फसलों को बहुत नुकसान हुआ था।  गन्ना और गेहूं सहित अन्य फसलें बुरी तरह नष्ट हो गई। गांव वालों के बीच पहुंचे हरीश रावत ने कहीं पैदल चलकर तो कहीं भैंसा बुग्गी पर बैठकर बर्बाद हुई फसलों का जायजा लिया। महिलाओं ने पूर्व मुख्यमंत्री को बताया कि कोई दो सौ तो कोई तीन सौ रुपये प्रति बीघा मुआवजा मिलने की बात कर रहा है। ऐसे में उनके बच्चे कैसे पले पढ़ेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने सभी को ढांढस बंधाया और अपने स्तर से समुचित मदद का भरोसा भी दिलाया। इस दौरान हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष राव आफाक अली, कांग्रेस नेता अमर सिंह नायक, धर्मेंद्र चैहान, रविंद्र कुमार, मनीष कर्णवाल, गुलशन अंसारी, आदित्य चैहान, विक्रम खरोला, धर्मेंद्र चैहान, हनीफ अंसारी, इरशाद अली आदि मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सामने क्षेत्र के किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी कर्मचारी बार-बार सर्वे कर मुआवजा दिलाने की बात कर रहे हैं। सर्वे के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। कोई भी सर्वे करने वाला अधिकारी खेतों में जाने के बजाय गांव में अपने चहेतों के साथ बैठकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। मनमर्जी तरीके से प्रभावित किसानों की सूची तैयार की जा रही है। ऐसे में किसे मुआवजा मिलेगा और किसे नहीं इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि उनकी सुध लेने के लिए अभी तक कोई भी नहीं पहुंचा है।