देहरादून। जनरल ओबीसी कर्मचारियों की हड़ताल का प्रभाव अब तमाम सरकारी विभागों में दिखने लगा है। कलेक्ट्रेट और तहसीलों से लेकर सचिवालय तक दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं आरटीओ कार्यालय में कोई काम काज आज दूसरे दिन भी नहीं हो सका।
जनरल ओबीसी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण विकास भवन कार्यालय में काम काज नहीं हुआ। युवा कल्याण विभाग के कर्मचारी भी काम काज छोड़कर हड़ताल में शामिल रहे। जिला खाद्य आपूर्ति विभाग में आज दूसरे दिन हड़ताल के कारण काम काज प्रभावित रहा। वहीं आरटीओ दफ्तर में भी कर्मचारियों के काम पर न होने के कारण लोग अपने काम काज के लिए भटकते रहे। कलेक्टेªट कई अनुभागों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे जिससे काम काज प्रभावित हुआ। उल्लेखनीय है कि 5 मार्च से इन कर्मचारियों द्वारा आवश्यक सेवाएं जैसे स्वास्थ्य, बिजली, पानी और यातायात आदि को ठप करने की चेतावनी दी गयी है। अगर यातायात का  पहिया थमा और रोडवेज की बसें चलना बंद हुई तथा अस्पतालों में लोगों को इलाज नहीं मिला तो इससे हाहाकार की स्थिति पैदा हो जायेगी। बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है। राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव सूर्य प्रकाश महाकोटि का कहना है कि सभी कर्मचारी संगठनों के घटकों की बैठक के बाद आवश्यक सेवाएं ठप करने की रणनीति बनायी जायेगी। अगर इस हड़ताल का जल्द समाधान नहीं होता है तो यह तय है कि आने वाले समय में आम आदमी की दिक्कतें और अधिक बढ़ जायेगी।

कर्मचारियों का गैरसैंण में हल्ला बोल

देहरादून। सरकार के सख्त रवैये और नो वर्क नो पे के आदेशों का हड़ताली जनरल ओबीसी कर्मचारियों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। सवा लाख से अधिक कर्मचारियों की हड़ताल और कार्य बहिष्कार से सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है, वहीं आज कई हजार की संख्या में गैरसैंण पहुंचे। कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराव कर सरकार के खिलाफ जबरदस्त हल्ला बोला। इस दौरान कर्मचारियों की पुलिस के साथ तीखी नोंक झोंक भी हुई।
हड़ताल पर गये इन कर्मचारियों का साफ कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानेगी तब तक वह अपनी हड़ताल वापस नहीं लेंगे। चाहे सरकार उनके खिलाफ जितनी भी सख्त कार्यवाही कर ले वह पीछे हटने वाले नहंीं है। उनका कहना है कि सरकार अगर अपनी जिद पर अड़ी रहती है तो पांच मार्च से कर्मचारी उन आवश्यक सेवाओं को भी ठप कर देंगे जिन्हे अभी हड़ताल से बाहर रखा हुआ है। अगर स्वास्थ्य, परिवहन, बिजली, पानी जैसी आवश्यक सेवाएं ठप कर दी गयी तो इससे कोहराम मचना तय है। तय कार्यक्रम के अनुरूप पांच जिलों से कर्मचारी आज बड़ी संख्या में गैरसैंण पहुंचे और सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन ने इन कर्मचारियों को एक किलोमीटर पहले बनायी गयी बैरीकेटिंग पर ही रोक दिया। जहां कुछ कर्मचारियों ने बैरिकेटिंग तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया इस दौरान पुलिस कर्मियोें के साथ उनकी नोंक झोंक भी हुई। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार प्रमोशन में आरक्षण को समाप्त नहीं करती है और प्रमोशन में लगाई गयी रोक को नहीं हटाती है तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। परिवहन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने मांगों को नहीं माना तो वह पांच मार्च से चक्का जाम कर देंगे। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं को भी ठप कर दिया जायेगा। शिक्षक संघों का भी इस हड़ताल को समर्थन मिल रहा है भले ही बोर्ड परीक्षाओं के कारण उन्होने कार्य बहिष्कार न किया हो लेकिन ड्यूटी के बाद शिक्षक भी इस हड़ताल में शामिल हो रहे है।