देहरादून। गंगा की अविरलता की मांग को लेकर डेढ़ माह अनशन पर रहीं साध्वी पदमावती को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय से डिस्चार्ज कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति अब सामान्य है। शुक्रवार की देर शाम उन्हें हरिद्वार भेज दिया गया।
हरिद्वार स्थित मातृसदन में अनशन पर बैठी साध्वी पदमावती को वीरवार रात हालत बिगड़ने पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने इलाज कराने से मना करा दिया। साध्वी मातृसदन में ही इलाज कराने पर अड़ी रहीं। अस्पताल पहुंचे डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने साध्वी के माध्यम से फोन पर मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद से वार्ता की। स्वामी शिवानंद ने भी यही कहा कि साध्वी का जो भी इलाज किया जाए आश्रम में ही किया जाए। बहरहाल शाम को तमाम रिपोर्ट सामान्य आने पर अस्पताल से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
मातृसदन गंगा में खनन रोकने समेत अन्य मांगों को लेकर बीते कई सालों से लगातार आंदोलनरत रहा है। स्वामी शिवानंद के शिष्य स्वामी निगमानंद ने लंबा आंदोलन किया था जिसके बाद उन्होंने जौलीग्रांट अस्पताल में अपने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद समय-समय पर स्वामी शिवानंद की अगुवाई में स्वामी आत्मबोधानंद एवं उनके अन्य शिष्य अनशन करते रहे। बीते वर्ष स्वामी सानंद ने भी गंगा की खातिर अपने प्राण त्याग दिए थे। बीती 15 दिसम्बर से साध्वी पदमावती अनशन पर बैठी हुई थी।
मीडिया से बातचीत में वह सरकार पर जमकर बरसी। कहा कि उन्हें जबरन उठाकर यहां लाया गया। यह आरोप लगाया कि स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद व निगमानंद को भी इसी तरह जबरन अस्पताल में भर्ती करवा मरवा दिया गया। उनके गुरु भाई स्वामी आत्मबोधानंद ने भी 194 दिन तक अनशन किया था। जिस पर केंद्र की तरफ से मांगे पूरी करने का भरोसा दिलाया गया। पर इस ओर अब तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।