देहरादून। एमडीडीए की ओर से शहर के विभिन्न इलाकों में दुकानों को ध्वस्तीकरण के नोटिस दिये जाने के विरोध में उक्रांद कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने नोटिस भेजने के मामले पर एमडीडीए के इस आदेश को तानाशही करार दिया। उक्रांद कार्यकर्ताओं ने बस्तियों की तर्ज पर दुकानों को बचाने के लिए अध्यादेश लाने की मांग सरकार से की है।
उक्रांद कार्यकर्ता शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचे और प्रदर्शन किया। दुकानों का ध्वस्त करने संबंधी नोटिस पर उन्होंने आक्रोश जताकर नारेबाजी की। जिलाधिकारी के माध्मय से सीएम को ज्ञापन प्रेषित किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिन भी लोगों को नोटिस भेजे हैं, वह छोटे दुकानदार हैं। नोटिस मिलने के बाद से वह घबराए हुए हैं। दुकानदार अपने परिवार व भविष्य को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि एमडीडीए की ओर से माता मंदिर मार्ग, बंगाली कोठी, सरस्वती विहार के अलावा अन्य इलाकों में दुकानों को ध्वस्त करने के नोटिस दिए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह लोग सालों से अपनी दुकान चलाते आ रहे हैं। सरकार को इन छोटे दुकानदारों की समस्या को समझना चाहिए। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूर्व में प्रदेश सरकार ने बस्तियों को बचाने के लिए अध्यादेश लाया था। इसलिए दुकानदारों के लिए भी सरकार को अध्यादेश लेकर आना चाहिए। प्रदर्शन करने के दौरान महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी, लताफत हुसैन,सुशील ममगाईं, एडवोकेट हसन मंसूर,अनिल उनियाल, यशवंत चैहान, रमेश यादव, महावीर प्रसाद नौटियाल, ललिता, अनिल पुंडीर, बिंदु पुंडीर, सोना राणा, नरेंद्र रावत, प्रभात डंडरियाल, विनोद असवाल, कमल रावत, प्रवीण बहुगुणा, सुरेश कुमार, सोनू शर्मा, देवेंद्र बिष्ट, प्रदीप चैहान, महिदीप सिंह राणा, बलवंत, राज कुमार, संजय चैधरी, विकास त्यागी आदि मौजूद रहे।