देहरादून। सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा पर शासन ने रोक लगा दी थी, लेकिन तीन जिलों देहरादून, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने साथ ही रिजल्ट भी जारी कर दिया गया था। इतना ही नहीं बैंक प्रबंधन ने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ठीक उसी दिन नियुक्ति के साथ ज्वानिंग भी दे दी।सहकारिता विभाग की ओर से जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक के बाद जांच शुरू हो गई है। पहली गाज जिला देहरादून सहकारी बैंक के प्रबंधन पर गिरती दिख रही है।
शासन की ओर से गठित जांच टीम को सुबह से शाम तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए तो टीम ने बैंक के प्रशासनिक भवन को सील कर दिया।प्रदेश में जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक के बाद, गड़बडिय़ों की शिकायत के लिए सहकारिता मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन की ओर से दो सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। उप निबंधक अल्मोड़ा, कुमाऊं मंडल नीरज बेलवाल की अध्यक्षता में बनी कमेटी सोमवार को जिला सहकारी बैंक देहरादून में जांच के लिए पहुंची।इस दौरान टीम को सुबह 11 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इस पर जांच टीम ने बैंक के प्रशासनिक भवन को सील कर दिया। आगे की कार्रवाई मंगलवार को की जाएगी। बेलवाल ने प्रशासनिक भवन को सील किए जाने की पुष्टि की।
बताते चलें कि शासन ने भर्ती परीक्षा पर रोक लगा दी थी। लेकिन तीन जिलों देहरादून, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने साथ ही रिजल्ट भी जारी कर दिया गया था। इतना ही नहीं बैंक प्रबंधन ने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ठीक उसी दिन नियुक्ति के साथ ज्वानिंग भी दे दी।जबकि शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, कि रिजल्ट जारी करने वाले जिले जांच पूरी होने तक किसी भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दे सकते हैं। इस मामले में डीसीबी देहरादून की ओर से जिस तरह से अभ्यर्थियों को रातों-रात नियुक्ति दे दी गई, उससे मामले में तमाम सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो देहरादून ही नहीं पूरे प्रदेश में इस भर्ती प्रक्रिया में पैसों के खेल के अलावा जमकर भाई-भतीजवाद चला है। डीसीबी देहरादून में जांच के लिए पहुंची टीम को देर शाम तक भर्ती प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इस पर जांच टीम ने महाप्रबंधक वंदना श्रीवास्तव से नाराजगी जताई। महाप्रबंधक ने बताया कि संबंधित दस्तावेज मैनेजर अमित शर्मा के पास हैं, लेकिन वह टीम के सामने उपस्थित नहीं हुए। इस पर महाप्रबंधक की ओर से मैनेजर अमित शर्मा को सस्पेंड किए जाने की भी चर्चा है। मामले की पुष्टि के लिए महाप्रबंधक वंदना श्रीवास्तव को कई बार फोन मिलाया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।