30 Jun 2025, Mon

उत्तराखंडः भारी बारिश के कारण 5 लोगों की मौत, चारधाम यात्रा ठप

चम्पावत/पौड़ी।  उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण पांच व्यक्तियों की मौत हो गई। कोटद्वार में दो महिला, एक बच्ची और चंपावत में दो लोगों की मौत हो गई। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि राज्य में 20 स्थानों पर भारी वर्षा हुई है। इस दौरान पौड़ी जिले की की लैंसडौन तहसील के अंतर्गत एक मकान की छत गिरने से तीन व्यक्तियों की मौत हुई है, जबकि दो घायल हैं। चंपावत में एक महिला की मौत हुई, जबकि एक व्यक्ति दबा है और उसे निकालने के लिए रेस्‍क्‍यू जारी है।

भू-स्खलन से चम्पावत के सेलाखोला गांव में एक मकान और कच्ची रसोई में बड़ी मात्रा में मलबा घुसा गया। हादसे में मां और बेटे की मौत हो गई। पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। मकान के पीछे करीब 20 मीटर ऊंचाई से भारी मात्रा में गिरे मलबे के कारण ये हादसा हुआ। एसडीआरएफ, पुलिस, एसएसबी और ग्रिफ के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों शवों को बाहर निकाला।

पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल प्रखंड में भारी बरसात के चलते गिरे मलबे में दबने से दो नेपाली महिला मजूदरों समेत एक बच्ची की मौके पर मौत हो गई है, जबकि अन्य दो घायल हुए है। प्रखंड के लैंसडौन-गुमखाल मोटर मार्ग में ग्राम समखाल के निकट भारी बरसात के चलते पहाड़ी से मलबा गिरने लगा। घटना स्थल के निकट ही काम कर रहे मजदूर सड़क से सौ मीटर नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। मलबा झोपड़ी के ऊपर गिरने के कारण झोपड़ी में रहने वाली समूना(50) पत्नी नियाज हाल निवासी समखाल, सपना(40) पत्नी लिंगडा और अलीसा(चार साल) पुत्री सपना की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, निजाज पुत्र मुमताज(55) हाल निवासी समखाल और सविया(16) पुत्री नियाज घायल हुए है।
सूचना पर लैंसडौन से कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर और राजस्व निरीक्षक वंदना टम्टा मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गए। घायलों को उपचार के लिए 108 आपातकालीन सेवा से प्राथमिक स्वास्थ केंद्र जयहरीखाल में भर्ती करवाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को कोटद्वार के लिए रेफर कर दिया गया। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर ने बताया की सभी मजदूर समखाल में निर्माणाधीन एक होटल में कार्य कर रहे थे। सोमवार को बरसात तेज होने की बजह से मजदूर अपनी झोपड़ी में ही थे। भारी बरसात के चलते गिरे मलबे से मजदूर तो बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन महिला और मासूम की अंदर ही मलबे में दबने के कारण मौत हो गई।

लगातार हो रही बारिश तथा बर्फबारी के कारण चार धाम यात्रा ठप

देहरादून। उत्तराखंड में सोमवार को दूसरे दिन भी लगातार भारी बारिश और उंची पहाड़ियों पर बर्फबारी जारी रही जिससे चारधाम यात्रा ठप पड़ गई है।

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर राज्य में भारी बारिश के मद्देनजर बचाव हेतु की जा रही तैयारियों के विषय में जानकारी ली और केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया ।

बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के चारधाम क्षेत्रों में होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री धामी ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ठहराए जाने के निर्देश दिए जिसके बाद श्रद्धालुओं को यात्रा पडावों पर ही रोक लिया गया ।

दशहरे के बाद सप्ताहांत की छुटिटयों के कारण इस समय प्रदेश में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक हैं । प्रदेश में मंगलवार तक भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए मुख्यमंत्री सभी जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों और एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रियों और पर्यटकों के रहने और भोजन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए और इसमें कोई लापरवाही नहीं हो । उन्होंने जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से स्वयं निगरानी करने को कहा । मुख्यमंत्री ने यात्रियों से भी सावधानी बरतने की अपील की और इस अवधि में यात्रा टालने का अनुरोध किया है । हालांकि, उन्होंने कहा कि घबराने वाले कोई हालात नहीं हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एहतियात के तौर पर प्रदेश में कक्षा एक से बारह तक के सभी स्कूल बंद रखे गए हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य, जिलों और तहसील स्तरों पर नियंत्रण कक्ष 24 घंटे संचालित हों तथा सोमवार और मंगलवार तक दो दिनों में जिलों से हर घंटे रिपोर्ट भेजी जाए। रविवार को केदारनाथ का दौरा करने वाले प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी जिलों में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें सतर्क हैं ।

इस बीच बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा पर जा रहे तीर्थयात्रियों को मौसम सुधरने तक उनके पड़ाव पर ही रोका गया है।

चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि मौसम ठीक होने तक यात्रियों से आगे की यात्रा स्थगित करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों से उसी पडाव पर रुकने को कहा गया है जहां वे रविवार को रुके थे। अधिकतर लोग जोशीमठ, पीपलकोटी, चमोली और बदरीनाथ में रुके हुए हैं ।

इसी प्रकार, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भी लगभग पांच हजार यात्रियों को मौसम ठीक होने तक अलग अलग स्थानों पर रोका गया है ।

रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस सिंह ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से केदारनाथ तक,लिनचौली और भीमबली में लगभग चार हजार तीर्थयात्रियों को एहतियातन मौसम ठीक होने तक यात्रा न करने की सलाह पर रोका गया है ।

इस बीच, लगातार बारिश और उंची पहाडियों पर बर्फबारी होने से प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है । राजधानी देहरादून में केवल एक ही दिन में पारा नौ डिग्री तक लुढक गया । शनिवार को देहरादून में जहां अधिकतम तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया था वहीं रविवार को यह 21 डिग्री सेल्सियस पर आ पहुंचा ।

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