देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ ने बुधवार को उत्तराखंड मेट्रो रेल एवं शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम के निदेशक जितेन्द्र त्यागी से मिलकर हरिद्वार-ऋषिकेश मेट्रो परियोजना को शीघ्र पूरा करने की मांग की। उत्तराखंड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट के नेतृत्व में एक शिष्ट मंडल उत्तराखंड मेट्रो रेल एवं शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम के निदेशक से मिला। प्रकोष्ठ ने मेट्रो की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाये।
उत्तराखंड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ ने राजेंद्र बिष्ट ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड मेट्रो रेल की स्थापना 2017 में देहरादून जिले तथा हरिद्वार ऋषिकेश के बीच यह कार्य किये जाने के लिए की गयी थी, लेकिन अभी तक चार वर्षों बाद भी मेट्रो रेल परियोजना धरातल पर नहीं उतरी है। जबकि करोड़ों का बजट कार्यरत अधिकारियों द्वारा खर्च किया जा चुका है, जिसमें विदेशों की यात्राएं, डी0पी0आर0 बनाने में एवं अन्य मदों में व्यय हो चुके है।
उन्होंने मेट्रो पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि जिन अधिकारियों ने विदेश यात्रा की व उस यात्रा से मेट्रो उत्तराखंड राज्य को क्या लाभ हुआ, किन किन जगहों की विदेश यात्रा की गई साथ ही जब निगम की अपनी कोई आय ही नहीं है, तो इतने महंगे किराए पर कार्यालय क्यों लिया गया, जबकि किसी सरकारी भवन में या कम किराए पर कार्यालय की व्यवस्था की जा सकती थी। डीपीआर बनाने वाली कम्पनियां कहां की थी व उनको भुगतान किस मद से किया गया।
केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि भारत के संविधान में सबको समानता का अधिकार है तो ंसे में जो नियुक्तियां आपके निगम में हुई। उनके लिए किन-किन समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी की गई व किस दिन प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन हुआ। इस के कई प्रमाण नहीं है।
अप्रैल 2020 में कोरोना संक्रमण के वजह से लॉकडाउन के जब सारे सरकारी विभागों में अवकाश था, तब यहां से नियुक्तियां जारी की गई जो दर्शाता है कि विभाग मे भ्रष्टाचार किस हद तक व्याप्त है। संविदा नियुक्तियों (समूह ग व समूह घ) के लिए जारी सार्वजनिक विज्ञप्ति किसी भी समाचार पत्रों में प्रकाशित भी नहीं की गई।
साथ ही समूह ग व समूह घ की नियुक्तियों (रेगुलर व संविदा) में उत्तराखंड राज्य से बाहरी अन्य राज्य के व्यक्तियों को नियुक्ति दो गयी है जो कि राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सूचना के अधिकार मे जिस प्रकार से ज्ञात हुआ कि 18 वर्ष पूर्ण होने से पहले ही अभ्यर्थी को नियुक्ति दे दी गई है।
केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि अगर 15 दिन 10 दिन के भीतर संज्ञान ना लिया गया एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो उक्रांद युवा प्रकोष्ठ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा, इस दौरान निदेशक द्वारा आश्वासन दिया गया कि दोषियों के खिलाफ शीघ्र ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान केंद्रीय महामंत्री प्रताप कुँवर, जय प्रकाश उपाध्याय, किरन रावत, प्रेम पडीयार, प्रीति थपलियाल, संजय जोशी, कुँवर नेगी, परवीन रमोला, अजीत पंवार, पुष्कर गुसाई, अनूप पंवार आदि मौजूद थे।