देहरादून। दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान उत्तराखंड के तत्वाधान में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी तथा पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न पत्र पत्रिकाएं तथा न्यूज़ पोर्टल से जुड़े पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा वर्तमान विधायक हरबंस कपूर
जनसंख्या नियंत्रण के लिए सामाजिक जागरूकता बहुत जरूरी
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा वर्तमान विधायक हरबंस कपूर ने कहा कि विश्व में जनसंख्या नियंत्रण के लिए सामाजिक जागरूकता बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा अपने स्तर से जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दिन प्रतिदिन देश की बढ़ती जनसंख्या एक चिंता का विषय बनती जा रही है सबसे अधिक जागरूकता की आवश्यकता पिछड़े तथा अशिक्षित वर्ग में है। उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या कम होगी, तो देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा, अन्यथा देश में जनसंख्या के कारण असंतुलन की स्थिति उत्पन्न होगी, जिसके कारण देश विकास की दौड़ में पिछड़ जाएगा।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून जरूरी
कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य वक्ता एवं भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि जनसंख्या के दो पहलू हैं। एक वैश्विक पहलू है तथा दूसरा देश के परिपेक्ष्य में है। वैश्विक जनसंख्या वृद्धि एक खतरे की ओर बढ़ रहा है, जिसके कारण पृथ्वी पर दबाव पड़ रहा है, जो एक चिंताजनक स्थिति है। भारत में बढ़ती जनसंख्या भारतीयता को खतरे में डाल रही है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों पर जनसंख्या वृद्धि के कारण अनावश्यक दबाव पड़ रहा है, जो कि असंतुलन उत्पन्न कर रहा है।
उन्होंने जनसंख्या वृद्धि को परमाणु बम से भी खतरनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण उत्पन्न होने वाली स्थितियों की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता पर बल देते हुए कहा कि यदि जनसंख्या वृद्धि नहीं रुकी तो पृथ्वी पर अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी, जिसके कारण मानव अस्तित्व खतरे में आ सकता है तथा पर्यावरण में असंतुलन उत्पन्न होगा। खाने, रोजगार तथा अन्य सभी प्रकार की आवश्यकताओं की स्थिति भयावह हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रकृति में संसाधन सीमित हैं, जिनका दोहन एक सीमित स्थिति तक ही किया जा सकता है। अगर उसका अत्याधिक दोहन किया गया तो यह एक विनाशक स्थिति होगी। डॉ. भसीन ने कहा कि आजादी के समय देश में 70 फ़ीसदी क्षेत्र में खेती की जा सकती थी, लेकिन आज स्थिति यह है कि मात्र 50 से 55 फ़ीसदी क्षेत्र में ही खेती की जा रही है। उन्होंने दिल्ली एनसीआर का उदाहरण देते हुए कहा कि एनसीआर में खेती योग्य भूमि में आबादी को बसा दिया गया है, जिसके कारण खेती एक सीमित स्थिति तक आ गई है।
डॉ. भसीन ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के विषय पर विमर्श करने की अति आवश्यकता है। राजनीतिक क्षेत्र एवं सरकारों को भी इस दिशा में अग्रसर होने की आवश्यकता है। भारत के विशेष संदर्भ में हमारी चिंताएं बहुत गंभीर हैं। आज हमारे देश की आबादी 140 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है और आधे मन से किए गए। प्रयासों के कारण हम आबादी में वृद्धि को रोक नहीं पा रहे हैं। इसके पीछे जहां एक और जागरूकता का अभाव है। वहीं, कुछ ऐसे कारण भी हैं, जिनका संबंध राजनीतिक तुष्टीकरण और धर्म से जुड़े विषयों से है। लेकिन हम सबको जाना होगा कि हम एक ही नाव के सवार यात्री हैं। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण किसी एक वर्ग के लिए नहीं अपितु सभी के लिए जरूरी है और अगर हमने इस बात को नहीं समझा तो आने वाला समय हमारे लिए गंभीर समस्याएं ही नहीं लाएगा।
उन्होंने कहा कि अब तो आने वाली पीढ़ियां हमें इस बात को लेकर कोसेगी कि हमारी पूर्व की पीढ़ियों ने समय रहते आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए। आज देश में जनसंख्या नियंत्रण पर जब चर्चा होती है, तो बहुत छोटी सोच के आधार पर देखा जाता है जबकि सच्चाई यह है कि इस पर खुले मन से विचार हो। खुले मंच से समस्या के समाधान के लिए रास्ता निकाला जाए और खुले मंच से उस रास्ते का अनुपालन किया जाए लेकिन कड़वा सच तो यह है कि राजनीतिक कारणों और तुष्टीकरण के चलते जनता को प्रशिक्षित करना तो दूर बल्कि विशेष वर्गों को भटकने की कोशिश की जाती है,जो अपने आप में एक गंभीर समस्या है। जनसंख्या दिवस पर एक राहत देने वाली खबर यह है कि उत्तर प्रदेश में विधिक आयोग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें एक या दो बच्चे होने पर सरकारी सुविधाएं देने और इसमें अधिक बच्चे होने पर सरकारी सुविधाओं से वंचित करने व स्थानीय निकाय चुनाव में शामिल करने के प्रावधान हैं।
उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमारी भूमिका क्या होगी, इस बारे में समाज को सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र व सरकार इस दिशा में अग्रसर है तथा कानून बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नीति लागू किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने जनसंख्या को रोकने के लिए राजनीतिक तुष्टीकरण तथा धर्म से जोड़ने की बात को चिंताजनक बताया।
पत्रकारों को किया सम्मानित
उत्तराखंड संवाद भारती न्यूज़ पोर्टल के संपादक सुभाष चंद्र जोशी को सम्मानित करते हुए
इस अवसर पर आयोजित पत्रकार समारोह में अमर उजाला से करण दयाल, उत्तराखंड संवाद भारती न्यूज़ पोर्टल के संपादक सुभाष चंद्र जोशी, राष्ट्रीय सहारा के बीपी कुकरेती, दून दर्पण केएस बिष्ट, न्यूज़ 18 से भारती सकलानी, चंद्रकला जोशी, ज़ीटीवी से रामानुज आदि पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। सिमरन ने गणेश स्तुति पर नृत्य प्रस्तुत किया। दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष भगवत मकवाना ने प्रतिष्ठान के स्थापना तथा कार्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम संचालक डॉ. अंजली वर्मा
कार्यक्रम का संचालन तथा पत्रकारों का परिचय प्रदेश महामंत्री प्रशासनिक डॉ. अंजली वर्मा ने दिया । दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान कि प्रदेश अध्यक्ष शुभा वर्मा अतिथियों तथा पत्रकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर संरक्षक जितेंद्र मित्तल, सविता कपूर, खुशवंत सिंह, भाजपा नेता कैलाश पंत,कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप वर्मा, प्रदेश महामंत्री विनोद उनियाल, क्षमा बंसल, उषा नेगी, खेमचंद गुप्ता, ज्योत्सना शर्मा, भगवत मकवाना, निर्मल जोशी, कर्नल मिन्हास, बृजेश गुप्ता, कमलेश अग्रवाल, स्थानीय पार्षद रमेश काला, के. रामबाबू कई लोग उपस्थित रहे।