- राजेंद्र कुकसाल
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) डी बी टी, केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा योजनाओं में प्रदान की जाने वाले सब्सिडी (अनुदान) का लाभ, चेक जारी करने, नकद भुगतान या सेवाओं अथवा वस्तुओं पर कीमत छूट प्रदान करने की बजाय सीधे लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित यानी जमा किया जाता है। इसके जरिए लाभार्थियों और जरूरतमंदों के बैंक खातों में सीधे रुपए डाले जाते हैं। कुल मिलाकर भारत सरकार का एक ऐसा पेमेंट सिस्टम जिसके तहत लोगों के बैंक खातों में सीधे सब्सिडी डाली जाती है।
डी बी टी के माध्यम से योजना का सीधा लाभ योजना से जुड़े लाभार्थी को होता है। DBT योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी तरह के धोखाधड़ी की कोई गुंजाईश नहीं रहती है, क्योंकि यहां लाभार्थी के खाते में सरकार सीधे तौर पर पैसे ट्रांसफर करती है । इस प्रकार सरकारी योजना का पूरा फायदा लाभार्थी को मिल जाता है। डी बी टी से जहां एक तरफ नकद राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जाती है वहीं गड़बड़ियों पर अंकुश लगता है और दक्षता बढ़ती है।
कृषि एवं बागवानी विकास से इस पहाड़ी राज्य का आर्थिक विकास सम्भव है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की हजारों करोड़ की कई योजनाएं इस पहाड़ी राज्य के कृषकों के आर्थिक विकास हेतु संचालित हो रही है जिन पर भारत सरकार व राज्य सरकार कृषकों निवेश ( बीज, दवा, खाद आदि) क्रय करने हेतु अनुदान देती है।
देश के प्रधानमंत्री का भी सपना है कि भारत सरकार से दी गई अनुदान की राशि (D BT) के माध्यम से सीधे कृषकों के खाते में जमा हो । उत्तराखंड में 8.38 लाख कृषकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रति वर्ष 06 हजार रुपए की धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से प्रदान की जा रही है। किन्तु अन्य योजनाओं में उत्तराखंड राज्य में ऐसा नहीं होता यहां पर कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग टेंडर प्रक्रिया दिखा कर निम्न स्तर का सामान उच्च दरों पर क्रय कर कृषकों को बांटते है। अन्य राज्यों की तरह कृषकों को योजनाओं में स्वयं अपनी इच्छा अनुसार उच्च गुणवत्ता के निवेश (दवा बीज खाद आदि) क्रय करने की अनुमति होनी चाहिए तथा मिलने वाला अनुदान डी बी टी के माध्यम से सीधे कृषकों के खाते में जमा होना चाहिए तभी कृषकों को योजनाओं का लाभ मिल सकता है।