अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज विडियो काॅन्फे्रसिंग के माध्यम चाय विकास बोर्ड की समीक्षा बैठक ली जिसमें उन्होने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उन्होनें निर्देश दिए कि चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाए जिसके लिए जिलाधिकारी चमोली जमीन तलाशने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 04 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित की जाए । साथ ही चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित की जाए। यह समिति प्रत्येक वर्ष हेतु न्यूनतम विक्रय मूल्य निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि टी-गार्डन विकसित करने में चाय विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड द्वारा टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को सौंप दिया जाए। इसके लिए अगले एक माह में एक व्यवहारिक मॉडल तैयार करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। इस मॉडल को तैयार करने में काश्तकारों के सुझावों को भी शामिल किया जाना चाहिए। टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को दिए जाने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियाँ किसी भी कारण से बंद हैं, उन्हें चलाने हेतु प्रयास किए जाएं। यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो, बोर्ड द्वारा इन्हें चलाए जाने हेतु प्रयास किए जा जाएं। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उन्हें आजीविका का साधन मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड की बैठक, वर्ष में 04 बार आयोजित की जाए। इससे बोर्ड और किसानों की समस्याओं से अवगत होने के अधिक अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में टी-गार्डन, पर्यटन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वीसी के में उपस्थित जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टी-टूरिज्म पर फोकस किया जा रहा है। उन्होने बताया कि गरूडाबांज स्थित उद्यान विभाग की जमीन को नये टी- गार्डन के रूप में विकसित किया जाएगा जिस पर कार्य किया जा रहा है। इस दौरानें चाय विकास बोर्ड के कर्मचारी भी उपस्थित थे।