18 Oct 2025, Sat

वेबीनार में ई-कॉमर्स, मार्केटप्लेस एंड स्टार्टअप्स की बारीकियां समझाई

देहरादून। भारत के प्रख्यात थिंक टैंक अंब्रेला संगठन प्रज्ञा प्रवाह के पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र द्वारा विगत मई माह से चल रही वेबीनार श्रृंखला “युवा संवाद से समाधान” के सप्तम सत्र “ई-कॉमर्स,मार्केटप्लेस एंड स्टार्टअप्स” का आयोजन गूगल मीट प्लेटफार्म पर रविवार को किया गया। इस कार्यक्रम में के संरक्षक प्रज्ञा प्रवाह पश्चिम उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड क्षेत्र संयोजक भगवती प्रसाद राघव रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी, कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा ने की। मुख्य वक्ता श्री भुवनेश शर्मा एवं विशेष वक्ता श्रा
राजेंद्र पचौरी रहे ।

श्री भुवनेश शर्मा ने हाइड्रो पावर तथा तेल एवं गैस के क्षेत्र में 13 वर्ष सेवा करने के पश्चात अपना व्यवसाय शुरू किया तथा भारत देश का सर्वप्रथम इनलाइन गैस पाइपलाइन इंस्पेक्शन रोबोट बनाया। यह रोबोट बिछी हुई गैस पाइपलाइन की आयु बताने का कार्य करता है। उनकी कंपनी आज गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड एवं आईआईएम लखनऊ जैसे प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ पार्टनरशिप में कार्य कर रही है।

श्री शर्मा ने कहा कि स्टार्टअप अथवा नवाचार किसी पुराने काम को नये तरीके से करने का ही नाम है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार टैक्सी बहुत लोग चलाते हैं, कई सारी एजेंसीज भी होती है, परंतु ओला ने जिस प्रकार के नवाचार लाए , इसी को हम स्टार्टअप कहते हैं। इसी प्रकार उन्होंने जोमैटो का उदाहरण भी दिया।

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नया स्टार्टअप शुरू करना चाहता है तो उनकी संस्था उसकी सहायता करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि वे उसके प्रोडक्ट को अमेरिका के बाजार तक ले जाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ताकत सिर्फ दिमाग में होती है। अगर हमने प्रण कर लिया है कि हमें यह कार्य करना है तब वह कार्य अवश्य ही होगा।

विशिष्ट वक्ता के रूप में श्री राजेंद्र पचौरी रहे, जो कि बुंदेलखंड क्षेत्र के मध्य प्रदेश राज्य के सागर जिले के रहने वाले हैं । कंप्यूटर एप्लीकेशन में परास्नातक की डिग्री लेने के पश्चात उन्होंने भारत तथा साउथ अफ्रीका में अनेक मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया है। कंप्यूटर सिक्योरिटी में उनके नाम पांच यूएस पेटेंट हैंं तथा कैपजेमिनी जैसी मैनेजमेंट कंपनी में काम करने का भी अनुभव है।
उन्होंने अपना एक वेब पोर्टल भी शुरू किया है। उन्होंने कहा की आज सरकार द्वारा किसानों के फायदे के लिए किसान बिल भी लाए गए हैं, परंतु आज भी हम छोटे गांव में छोटे किसानों के लिए कार्य कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि समाज में प्रॉब्लम ढूंढिए और फिर उसका सलूशन, चाहे फायदा ना हो परंतु मन को सुकून अवश्य मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में जंगल ही जंगल हैंं, जैसे नीम , रीठा , शिकाकाई। उन्होंने कहा कि आज के समय में बाजार में मिलने वाली सभी शैंपू में यूरिया होता है । क्यों नहीं हम हर्बल शैंपू बनाकर बाजार में बेचते हैं , जिसका कच्चा माल भी हमें अपने आस-पास ही मिल सकता है। इसी तरह उन्होंने त्रिफला, नीम , तुलसी इत्यादि वस्तुओं का उदाहरण देते हुए कहा कि हम स्वयं को भी खराब कर रहे हैं और पर्यावरण को भी।
उन्होंने कहा कि आज विदेशों में अश्वगंधा पाउडर एवं एलोवेरा की बहुत मांग है एवं स्वीडन , नाइजीरिया, सूडान , साउथ अफ्रीका जैसे देशों में यह सामान बहुत ऊंचे दामों पर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि मजदूरों को लेकर भी एक पोर्टल विकसित किया जाए ।

उन्होंने कहा कि परिवारों में तथा विशेषकर माता-पिता में यह अवसाद घर कर गया है कि उनके बच्चे पिछड़ न जाएं और वास्तव में यह बच्चों को आत्मनिर्भर होने में कठिनाई पैदा करता है। यदि हम कहें कि आज युवा डिपेंडेंट है, हमें उसे इंडिपेंडेंट बनाना होगा। हमें अपना जीवन के प्रति दृष्टिकोण बदलना होगा , नई सोच विकसित करनी होगी । उन्होंने कहा कि हमें स्वाध्याय की आदत बनानी होगी। महापुरुषों की जीवनी प्रेरणा के लिए आवश्यक है । उन्होंने कहा कि पारंपरिक शिक्षा नीति भी व्यवहारिक नहीं थी। उन्होंने कहा कि नवाचार की शुरुआत करनी चाहिए ।

उन्होंने कहा कि नया व्यवसाय शुरू करने के लिए स्वयं से ,परिवार से, एंजल इन्वेस्टर से मदद ली जा सकती है । उन्होंने कहा कि स्टार्टअप को फंडिंग की सहायता से चलाने की कोशिश ना करें, वरन् अपने धन से ही चलाने की कोशिश करनी चाहिए।

अंत में अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि उठो जागो और ध्येय की प्राप्ति तक रुको मत। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भी चर्चा करी और कहा कि कल्पना शक्ति ज्ञान से महत्वपूर्ण होती है और नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों की कल्पना शक्ति को बढ़ाने का यकीनन कार्य करेगी ।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ चैतन्य भंडारी , डॉ. बीरपाल सिंह , अवनीश त्यागी, डॉ अंजली वर्मा, डॉ वीके सारस्वत, डा. जीआर गुप्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे । कार्यक्रम के आयोजक मंडल में डॉ प्रवीण कुमार तिवारी, डॉ गौरव राव, शुभ गुप्ता , आदर्श चौधरी एवं अनुराग विजय अग्रवाल रहे।

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