देहरादून। राजधानी देहरादून के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून अस्पताल में इलाज में देरी पर परिजनों ने बीती देर रात जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा व पुलिसकर्मियों ने स्थिति को संभाल लिया। आखिरकार हंगामा करने के बाद तीमारदार मरीज को लेकर चले गए। एक तरफ जहां बीमार के परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ ने इलाज करने से इंकार कर दिया। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इमरजेेंसी में एक ही डॉक्टर होने व मरीजों की भारी भीड़ होने की वजह से इलाज में थोड़ी देरी हुई।
दूसरी ओर घटना के बाद जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. टम्टा ने जांच की तो पता चला कि इमरजेंसी में तैनात चार डॉक्टरों में से महज एक ही डॉक्टर ड्यूटी पर आया। डॉ. टम्टा के मुताबिक इमरजेंसी में दो सीनियर रेजीडेंट व दो जूनियर रेजीडेंट की ड्यूटी लगायी गई थी, जिसमें से तीन डॉक्टर ड्यूटी पर पहुंचे ही नहीं। ऐसे में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों के इलाज में देरी हुई। डॉ. टम्टा के मुताबिक इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को अवगत कराया गया है।
दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि डॉक्टरों के न पहुंचने की जानकारी दी गई थी। लेकिन जब बाद में पता लगाया गया तो जानकारी सामने आयी कि डॉक्टर वार्ड में चले गए थे जो बाद में ड्यूटी पर आ गए थे। जहां तक मरीज के परिजनों द्वारा हंगामा किए जाने का सवाल है तो इसकी जानकारी नहीं है। यह पहला मौका नहीं है जब दून अस्पताल में इलाज को लेकर मरीज के परिजनों ने हंगामा किया है। पिछले दिनों इलाज के दौरान मरीज की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ करने के साथ ही डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट तक कर डाली थी।