देहरादून। हाईकोर्ट ने क्वारंटीन नियमों के दोहरे मापदंड पर सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए जवाब मांगा है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि काबीना मंत्री सतपाल महाराज के मामले में सरकार ने क्या कार्यवाही की है। हाईकोर्ट में अधिवक्ता गोपाल वर्मा की याचिका में कहा गया था कि बड़कोट के एक युवक द्वारा क्वांरटीन नियमों का उल्लंघन करने पर उसके खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा 307 में मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है जबकि काबीना मंत्री महाराज क्वांरटीन नियमों का उल्लंघन करते हुए कैबिनेट की बैठक में भाग लेते है लेकिन उनके खिलाफ प्रशासन स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया है क्या राज्य में आम और खास लोगों के लिए अलग अलग कानून है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अब राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। हाईकोर्ट में इस मामले के जाने से अब सरकार भी क्वारंटीन और आपदा एक्ट के तहत की जाने वाली कार्यवाहियों में दोहरे मापदंड अपनाने को लेकर सवालों के घेरे में आ गयी है। इससे पूर्व यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को पास जारी करने केे मामले में सरकार की खासी किरकिरी हो चुकी है।
महाराज के खिलाफ हो गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्जः यूकेडी
देहरादून। लाकडाउन का उल्लंघन करने पर जब आम आदमी पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है तो वहीं रसूखदारों पर यह मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया जा रहा है।
इस सवाल को लेकर आज यूकेडी कार्यकर्ता महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी के नेतृत्व में पुलिस मुख्यालय पहुंचे और उन्होने पुलिस महानिदेशक कों ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से यूकेडी ने कहा है कि काबीना मंत्री सतपाल महाराज उनका परिवार व स्टाफ कोरोना की चपेट में आ चुका है। उन्होने कहा है कि सतपाल महाराज द्वारा अपनी टै्रवलिंग हिस्ट्री को छिपाया गया। वह 16 मई को दिल्ली गये थे तथा 20 मई को वापस लौटे, जिसके बाद वह विभागीय बैठक भी करते रहे। जबकि 26 मई को प्रशासन द्वारा उनके निवास पर होम क्वारंटीन का नोटिस चस्पा कर दिया गया था इसके बावजूद उन्होने 28 मई को कैबिनेट बैठक में भाग लिया। जिसके चलते पूरा मंत्रिमण्डल से लेकर अधिकारियों को होम क्वारंटीन होना पड़ रहा है। यूकेडी ने मांग की है कि सतपाल महाराज के खिलाफ टै्रवलिंग हिस्ट्री छिपाने व कोरोना के नियमों का उल्लंघन करने के लिए उन पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाये।