देहरादून। देहरादून के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाता मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने 30 वर्षीय युवक के पेट में अवरुद्ध पड़ी नुकीली चीजें निकालकर उसकी जान बचाई। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया, “इस व्यक्ति को गंभीर पेट दर्द की शिकायत के साथ आपातकालीन स्थिति में लाया गया था। उसके रिश्तेदारों ने बताया कि उसने कुछ धारदार चीजें निगल ली होंगी क्योंकि वह कुछ घंटों के लिए उनकी निगरानी में नहीं था।”उन्हें स्थानीय अस्पताल से तुरंत मैक्स हॉस्पिटल की इमेरजेंसी लाया गया। जांच में छोटी आंतों में काफी सारी लोहे की कीलें, हेयर पिन और रेजर ब्लेड दिखाई पड़ी जिस वजह से उसके पेट में कष्टदायी दर्द हो रहा था। डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया, “छोटी आंत में निगली गयी नुकीली चीजें एंडोस्कोपिक रूप से निकालना मुश्किल है और आमतौर पर इसके लिए ओपन सर्जरी की जरूरत पड़ती है।”
इस बात का पता लगने पर परिजन अपने क्षेत्र (सहारनपुर) के स्थानीय अस्पतालों में इलाज के लिए दौड़ते रहे लेकिन कोई भी मरीज को राहत नहीं दे सका। वे देहरादून आए और किसी अन्य अस्पताल में प्राथमिक उपचार करा रहे थे। स्तिथि जब उनके हाथ से निकलने लगी तो मरीज को मैक्स अस्पताल, देहरादून ले जाने का फैसला किया जो की कोविड महामारी के समय में भी हर तरह की मेडिकल एवं आपातकालीन सेवाएँ 24ग7 दे रहा था। मैक्स में गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी टीम में स्तिथ डॉ रविकांत गुप्ता , मेडिकल डायरेक्टर और एच ओ डी एवं डॉ मयंक गुप्ता, कंसलटेंट ने इस केस पर साथ काम किया। उन्होंने तुरंत स्थिति का मूल्यांकन किया और इस पेंचीदा केस को सिर्फ एक घंटे में बिना चीड़ फाड़ या बड़ा ऑपरेशन करे एण्डोस्कोप की मदद से सफलतापूर्वक कर दिया। पेशेंट को न ही प्रक्रिया के बाद पोस्ट ओप दर्द हुआ, और उसका रिकवरी टाइम भी कम हो गया। पेशेंट 24 घंटो के भीतर डिस्चार्ज हो कर घर चले गए। डॉ मयंक गुप्ता, ने आगे कहा, “रैट टूथ फोरसेप्स, रोथ बास्केट और फॉरेन बॉडी स्नेयर की मदद से नुकीली चीजें को निकाला गया। यह विशेष मामला चुनौतीपूर्ण इसलिए भी था क्योंकि चीजें छोटी आंत में थी जिसमें बहुत अधिक कर्वध्घुमाव होते हैं और वह चीजें बहुत तेज नुकीली और नोकदार थी । आंतों को नुकसान होने का काफी जोखिम था जिससे छोटी आंत में छेद हो सकता था या नुकसान पहुंच सकता था। डॉ रविकांत गुप्ता , मेडिकल डायरेक्टर और एच ओ डी ने बताया ए श्आंतो में धातु से बानी वस्तुएं होने की वजह से मेडिकल इमरजेंसी और तुरंत ध्यान देने की जरूरत होती है। तेज और नुकीली वस्तुएं पेट के भीतर कई अलग-अलग जगहों पर फंस सकती हैं और आंतो को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सबसे आम वस्तुएं जो छोटे बच्चों द्वारा निगली जाती है, वह है सिक्के, खिलौने, कीलें, और मानसिक रूप से विकलांग मरीजों द्वारा निगली गयी आम चीजे है – ब्लेड, थर्मामीटर, हेयर क्लिप, पिन, धातु के खिलौने, थम्ब पिन, सेफ्टी पिन। डॉ. संदीप सिंह तंवर वाइस प्रेसिडेंट और यूनिट हेड ने कहा, “मैक्स अस्पताल, देहरादून इस महामारी के दौरान सभी आपात स्थितियों और मेडिकल एवं क्लीनिकल मामलों के इलाज के लिए सबसे आगे रहा है। हमारी टीम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण गैर कोविड उपचार में कोई बाधा न आए। देशव्यापी लॉकडाउन के बीच, मैक्स अस्पताल, देहरादून बिना थके हमेशा की तरह अपने समर्थन, सेवाओं और कार्यों का विस्तार से संचालन कर रहा है।