देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत जी की प्रथम पुण्यतिथि पर आज विधानसभा भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने कुमाऊनी बोली में उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों के नाम एक संदेश पत्र भी जारी किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रकाश पंत जी का जाना उत्तराखंड के लिए अपूरणीय क्षति है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के आक्रामक सवालों के जवाब जिस शालीनता से प्रकाश पंत देते थे, वह उनकी वाकपटुता की कला थी। विपक्ष भी उनके विचारों को ध्यान से सुनता था और सहमत भी होता था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने एक कुशल संगठनकर्ता, साहित्यकार और लेखक को खो दिया। मृदुभाषी, सरल हृदय एवं संसदीय कार्यों के ज्ञाता स्व. पंत को उत्तराखंड विधानसभा कभी नहीं भूल पाएगी।
विस अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष होने का गौरव उन्हें प्राप्त था। उन्होंने उत्तराखंड विधानसभा की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर विधानसभा के सचिव जगदीश चंद ने कहा कि वह संसदीय के ज्ञाता थे ल विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली बनाने में महत्वपूर्ण योगदान विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए प्रकाश पंत जी का ही रहा है।श्रद्धांजलि सभा के दौरान विधानसभा के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने स्व. प्रकाश पंत के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कुमाऊनी बोली में लिखे गए पत्र में प्रवासियों को उत्तराखंड वापस आने पर शुभकामनाएं दी गई है।श्री अग्रवाल ने पत्र के माध्यम से आशा व्यक्त की है कि सभी प्रवासी भाई-बहन उत्तराखंड के विकास में अपने अनुभवों एवं प्रतिभा के बल पर अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव मदन कुंजवाल, उप सचिव चंद्र मोहन गोस्वामी, उप सचिव मुकेश सिंघल, अनु सचिव नरेंद्र रावत, अनु सचिव नीरज थापा, वरिष्ठ निजी सचिव राजेंद्र चैधरी, अनु सचिव हेम पंत, हेम गुरानी, मुकेश हटवाल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी घर उपस्थित थे।