देहरादून। उत्तराखंड में लोगों के लौटने का सिलसिला जारी है। हरिद्वार और हल्द्वानी में प्रवासियों को लेकर ट्रेनें आ रही हैं, जिनसे हजारों-हजार लोग दूसरे राज्यों से उत्तराखंड लौट रहे हैं। दूसरे राज्यों के गढ़वाल में लौट रही ट्रेनों का पड़ाव हरिद्वार, देहरादून तथा कुमाऊँ में हल्द्वानी पड़ाव है, लेकिन हरिद्वार, देहरादून और हल्द्वानी में लोगों को क्वारंटीन नहीं किया जा रहा। अन्य जिलों के प्रवासियों को सीधे उनके जिले में भेज दिया जा रहा है जहां उनकी स्वास्थ्य जांच और क्वारंटीन करने की व्यवस्था की जानी है। 

बदरीनाथ विधायक श्री महेन्द्र भट्ट ने  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अवगत कराया है कि जो लोग दूसरे राज्यों से आ रहे है, उनको हरिद्वार और देहरादून में पहली कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट तक वही रखा जाए, क्योंकि देहरादून तथा हरिद्वार में बहुत होटल एवं धर्मशालाएं है। पर्वतीय जिलों में भेजने पर दिक्कतें आ रही है, क्योंकि गाँवों में लोगों के सीमित कमरे और एक ही शौचालय होता है, जिनको पंचायत घरों या प्राथमिक विद्यालयों में रखा गया है, उनको वहाँ भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन स्थानों में पानी का एक ही नल है और वहाँ शौचालय भी कम है।  चमोली में भी एक पॉजिटिव मामला आया, अगर इनको वहीँ रोक देंगे तो अनेकों जिलों में कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है। अगर लोग पहाड़ों में मरने लगेंगे, तो फिर काफी दिक्कत होगी। अभी बाहर से आने वालों का गांव जाने के लिए दबाव बनेगा और ये सरकार का विरोध भी करेंगे। सरकार का यह विरोध कोई बड़ी बात नहीं होगी, क्योंकि अगर लोग गाँव जाते हैं और घर पहुँचने के बाद इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती हैं फिर इनके पूरे परिवार को क्वरांटिन करना पड़ेगा औऱ बूढे माँ-बाप और परिवार के सदस्यों को घर छोड़ना पड़ेगा। ग्राम प्रधान की भी एक मर्यादा है, वापस आ रहे लोगों को प्रधान और स्कूल के अध्यापक भी नहीं सम्भाल पा रहे हैं।