देहरादून। कोरोना महामारी के बीच पुलिस-प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और सफाई कर्मचारी लगातार अपना फर्ज निभा रहे हैं। राजधानी देहरादून में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां भी घर-घर जाकर लोगों से जानकारी हासिल करने के काम में जुटी हैं। साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को हराने के लिए देहरादून में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां अहम भूमिका निभा रही हैं। यह कार्यकत्रियां हर रोज घर-घर जाकर लोगों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी हासिल कर रही हैं। साथ ही लोगों को कोरोना वायरस के प्रति बचाव संबंधी जानकारियां भी दे रही हैं।
आशा कार्यकत्रियों ने बताया कि वे घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों में सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे लक्ष्णों की जानकारी हासिल करती हैं। साथ ही देश-विदेश से आये लोगों की जानकारी जुटाने का काम भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें खुद को सुरक्षित रखने के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है। वे खुद एहतियात बरतते हुए मास्क, ग्लब्स का इस्तेमाल कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रही हैं। आशा कार्यकत्रियों ने बताया कि घर-घर जाकर जानकारियां इकट्ठा करने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। घरों के दरवाजे खटखटाने के लिए डंडे का इस्तेमाल कर रही हैं। आशा कार्यकत्रियों ने बताया कि वे सभी क्षेत्रों में जाकर लोगों से जानकारी हासिल कर रही हैं। इस दौरान कई लोग उनके संपर्क में आने से डर जाते हैं। कई लोग अजीब ढंग से व्यवहार करते हैं। आशा कार्यकत्रियां सभी लोगों से सहयोग करने की अपील कर रही हैं। दिल्ली में बीते दिनों एक आशा कार्यकर्ता में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद अब उत्तराखंड की आशा कार्यकर्ताओं को भी डर सताने लगा है। उन्होंने बताया कि उनके घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं। बाहर काम करने के दौरान उनके जरिए यह वायरस परिवार तक भी पहुंच सकता है। जिसके लिए वे घर जाकर बिना किसी के संपर्क में आये पहले स्नान करती हैं।