देहरादून। अपने मानदेय व प्रोत्साहन राशि के समय से भुगतान तथा राज्य कर्मचारी घोषित करने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने सचिवालय कूच किया। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में आशा कार्यकत्रियां परेड ग्रांउड में जमा हुई। वहां से जुलूस की शक्ल में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुएसचिवालय कूच किया। जिन्हे पुलिस द्वारा बैरिकेंटिग लगाकर सचिवालय से पहले ही रोक दिया गया। यहां इन आशा कार्यकत्रियों की पुलिस कर्मियों के साथ हल्की फुल्की नोंक झोंक व धक्का मुक्की भी हुई। आगे बढ़ने से रोके जाने पर यह आशा कार्यकत्रियां सड़क पर ही बैठ गयी और लम्बे समय तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि एक तरफ उनकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं की सफलता में सहभागिता की तारीफ की जाती है वहीं दूसरी ओर उन्हे अनुमन्य मानदेय और प्रोत्साहन राशि भी समय से नहीं दी जाती है। उन्होने कहा कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनकी प्रोत्साहन राशि एक हजार से बढ़ाकर दो हजार करने की घोषणा की गयी थी। जबकि अन्य सेवाओं के लिए इसे यथावत ही रखा गया है। उनका कहना है कि उनकी सेवाओं के कारण मातृ व शिशु मृत्यू दर में भारी कमी आयी है तथा वह अपनी असाधारण सेवाएं दिन रात दे रही है। उनका कहना है कि यदि हमारी मांगों को नहीं माना जायेगा तो वह अपना आंदोलन और तेज करेंगी। उनकी प्रमुख मांगों में राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 5 हजार की प्रोत्साहन राशि को बहाल किया जाना व उन्हे राज्य कर्मचारी घोषित करना व समय से मानदेय तथा प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाा है। प्रदर्शन करने वालों में संजीव विश्नोई, आरती थापा, गंगा गुप्ता, ललितेश विश्वकर्मा सहित कई लोग शामिल थे।