नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फिर उस मुद्दे का संज्ञान लिया जिसे राज्य सरकार और नागरिक उडयन मंत्रालय लापरवाही में या जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं।
  नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हैरिटेज एविएशन द्वारा सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर उड़ाए जा रहे विमानों पर गम्भीर रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार के उड़्यन विभाग के सचिवों के साथ ही नगर विमानन सुरक्षा ब्यूरो, एयरपोर्ट अथाॅरिटी इण्डिया के चेयरमैन, पिथौरागढ़ स्थित नैनी-सैनी एयरपोर्ट के मैनेजर और हैरिटेज एविएशन के निदेशक को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को तीन हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हाल ही में उत्तराखंड के पंतनगर और पिथौरागढ से हवाई सेवा शुरु की गई है। उड़ान योजना के तहत पिथौरागढ़ और देहरादून, देहरादून और पंतनगर, पिथौरागढ़ और गाजियाबाद के लिए विमान सेवा शुरु की गई है। देहरादून से पिथौरागढ़ और पिथौरागढ़ से गाजियाबाद हवाई सेवा के लिए हैरिटेज एविएशन का चयन किया गया है। हाईकोर्ट में दायर गणेश उपाध्याय की जनहित याचिका में बताया गया है कि हैरिटेज एविएशन की पंतनगर-पिथौरागढ़ फ्रलाइट के दौरान हवाई जहाज का दरवाजा हवा में खुल गया था और एक बड़ा हादसा टला था। इसके बाद दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए उड़ान भरते समय हैरिटेज एविएशन के लैंडिंग व्हील जाम हो गए थे जिसके बाद वह उड़ान कैंसिल करनी पड़ी थी। याचिका में कहा गया है कि हैरिटेज एविशन जिन विमानों का इस्तेमाल कर रही है वे 1990 में अमेरिका में बने थे और 1995 में बंद हो गए थे लेकिन इनके नाम बदलकर इन्हें राज्य में उड़ाया जा रहा है। याचिका में मांग की गई है कि इस कम्पनी का लाइसेंस निरस्त किया जाए और कम्पनी पर जुर्माना लगाया जाए ताकि राज्य में बड़ा हादसा होने से बचाया जा सके।