चमोली/देहरादून। चमोली में ग्लेशियर टूटने के कारण आई आपदा में फंसे लोगों को बचाए जाने का काम जोरों पर चल रहा है। एसडीआरएफ की टीम तथा आइटीबीपी के जवान राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन भी बचाव कार्य में लगा है। अलकनंदा नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। अलकनंदा के किनारे बसे कई कस्बों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। आईटीबीपी ने अब तक 9-10 शव बरामद किये हैं। वहीं बचाव दल ने अब तक 16 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। विद्युत परियोजना में सुरक्षा व्यवस्था में तैनात 2 पुलिसकर्मी भी लापता बताए जा रहे हैं।  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मौके पर निरीक्षण करने के बाद देहरादून आकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी भी लगभग 125 लोग लापता है। आइटीबीपी के जवान देवदूत बनकर इस रेस्क्यू ऑपरेशन में काम कर रहे हैं। जवानों के प्रयास से कई लोगों की जान बच गई है। घटनास्थल पर बचाव एवं राहत का कार्य 48 घंटे चलने की उम्मीद है।
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अब तक 125 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है

-ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के 29-30 लोग लापता हैं

-प्रोजेक्ट में ड्यूटी दे रहे पुलिस के 2 जवान भी लापता

-ये पावर प्रोजेक्ट 2020 में बना था और तहस-नहस हो गया.

-तपोवन में NTPC का निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट है. वहां 176 मजदूर सुबह अपनी ड्यूटी के लिए निकले थे.

-वहां पर दो टनल हैं. एक टनल से 15 लोग निकाले गए.

-दूसरी टनल 250 मीटर लंबी है. उसमें मलबे में 35 लोग फंसे हुए हैं. वहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल है. बाकियों का पता नहीं चला

-सैलाब में स्थानीय लोगों की 180 भेड़-बकरियां बह गईं. कुछ स्थानीय गांव के चरवाहे भी बह गए

-अभी तक 7 लोगों के शव बरामद हुए हैं

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना स्थल पर पहुंच स्थिति की जानकारी ली है। सेना की 6 टुकड़ियां उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना की गई हैं। वायुसेना के एएलएच और चीता हेलीकाप्टर स्टैंडबाय मोड पर हैं।  आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने बताया कि 150 से अधिक लोग लापता हैं। उत्तराखंड में तपोवन बांध के पास एक निर्माणाधीन सुरंग थी जहां लगभग 20 मजदूर फंसे हुए हैं। घटनास्थल पर तैनात आटीबीपी की टीम बचाव अभियान चला रही है। हम लापता लोगों की जानकारी जुटाने के लिए एनटीपीसी के प्रबंधन दल के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि साइट पर लगभग 100 कार्यकर्ता थे जिनमें से 9-10 लोगों के शव नदी से बरामद किए गए हैं। अभी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। 250 आईटीबीपी के जवान मौजूद हैं, जल्द ही भारतीय सेना की टीम भी मौके पर पहुंच रही है। आईटीबीपी के जवान तपोवन सुरंग को खोलने के लिए खुदाई कर रहे हैं जो मलबे के कारण पूरी तरह से ब्लॉक हो गया है। इस बीच प्रशासन ने भी जानकारी दी है कि चमोली त्रासदी में करीब 150 लोग लापता हैं जबकि अभी तीन शव बरामद किए गए हैं। ऋषिगंगा नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और धौली गंगा पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गये हैं। जोशीमठ-मलारिया हाईवे पर बीआरओ का ब्रिज भी बह गया, यहीं पर मौजूद छह लोग अपने जानवरों के साथ बह गए। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हुआ है और नदी का जल स्तर बढ़ने की सूचना मिली है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस संबंध में सहायता का आश्वासन दिया है और हम इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सेना की 6 टुकड़ियां उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना की गई हैं। भारतीय सेना ने उत्‍तराखंड सरकार और एनडीआरएफ की मदद के लिए चॉपर और सैनिकों को तैनात किया है। ऋषिकेश के पास स्थित मिलिट्री स्‍टेशन रेस्‍क्‍यू और रिलीफ ऑपरेशन में कोऑर्डिनेट कर रहा है। आर्मी हेडक्‍वार्टर्स से भी हालात पर नजर रखी जा रही है। सेना के करीब 600 जवानों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा जा रहा है। वायुसेना के एएलएच और चीता हेलीकाप्टर स्टैंडबाय मोड पर तैयार रखे गये हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मौके पर पहुंच कर बताया कि चमोली में दो बांध स्थल प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि सुबह लगभग 10.45 बजे रैनी गांव में एक आपदा की सूचना दी गई। स्थिति का जायजा लेने और आपातकालीन उपाय करने के लिए तत्काल निर्देश जारी किए गए। इसके साथ ही राज्य के आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को सक्रिय किया गया। मानवक्षति के बारे में अभी अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। पानी की तीव्रता चमोली तक आते-आते काफी कम हो गई है। गृह सचिव और गृहमंत्री से बात हुई है।
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक अशोक कुमार ने मीडिया के साथ बातचीत में जानकारी साझा की कि ऋषि गंगा पार प्रोजेक्ट में 50 से अधिक मजदूर काम करते थे। इस हादसे के बाद मजदूरों का कोई अता-पता नहीं है। इनके बह जाने की ज्यादा आशंका है। चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाइवे को ऐहतियातन बंद किया गया है। श्रीनगर से अब नदी का बहाव सामान्य हो गया है। देवप्रयाग और निचले इलाक़ों के लोगों के लिए अब ख़तरे की बात नहीं है। पुलिस राहत एवं बचाव तेज़ी से कर रही है।एसएसपी हरिद्वार का कहना है कि निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि हमने बाढ़ चौकियों को भी ऐक्टिव कर दिया है।

हिम गिलेशियर टूटने से उत्तराखंड में बाढ़ का खतरा

-कमलकिशोर

उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के बाद उथल-पुथल से ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया। इससे से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। वहीं हाइड्रो प्रोजेक्ट बांध में काम कर रहे अनेक मजदूरों की बहने की आशंका है। वहीं भारतीय सीमा बोडर पुलिस ने रेस्क्यू के दौरान हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के सोलह मजदूरों को सुरक्षित बचाया है।आपदा में लापता मजदूरों का सेना के जवानों द्वारा लगातार रेस्क्यू जारी है।उत्तराखंड सरकार द्वारा तत्काल प्रभाव से चमोली से हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया गया है।सोशल साइड से ज्ञात हुआ है,कि उक्त हादसे में 150 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत घटना की स्थलीय जांच के लिए रवाना हो गए हैं।
ऋषिकेश कोडियाला इको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है। यहां राफ्टिंग बंद करा दी गई है। इसके साथ ही घाटों के किनारे रह रहे बेसहारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
टिहरी में भी जिला प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे अलर्ट जारी किया है। देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। वहीं, नदी किनारे जितनी भी बस्तियां हैं सभी में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है। खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को भी हटाया जा रहा है।
कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार में भी हिमखंड टूटने के बाद हुए उथल-पुथल को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। मेला अधिकारी दीपक रावत और जिलाधिकारी सी रविशंकर ने घाटों पर अलर्ट जारी किया है। नदी किनारे सभी क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है।अलर्ट के मद्देनजर हरिद्वार पुलिस प्रशासन द्वारा जगजीतपुर में मातृ सदन के पास जंगल में लकड़ी लेने गई महिलाओं को वापस बुलाने के लिए निर्देश जारी किया है।
ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद अलकनंदा प्रवाह उफान पर है।जिला प्रशासन पौड़ी ने नदी किनारे वास करने वाले सभी लोगों को अलर्ट किया है साथ ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी तैनात कर दी गई है। डीएम,एसपी निरन्तर मौके पर हैं। जिला आपदा प्रबंधन की टीम पूरी तरह से अर्लट है।