उत्तराखंड संवाद भारती
डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है।
यह रोग मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अनुमानतः 500,000 लोगों को हर साल डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, जिनमें से भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण-पूर्व एशिया, मेक्सिको, अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में तो बड़ी आबादी इस बुखार से प्रभावित होती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस साल 13 अक्टूबर 2019 तक डेंगू बुखार के 67,000 मामले सामने आ चुके थे।
डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो मच्छरों, विशेषकर एडीज़ इजिप्टी (Aedes Aegypti) मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर दिन के समय, खासकर सुबह और शाम के दौरान अधिक सक्रिय होते हैं। डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं है, इसलिए इसे रोकने के उपाय ही सबसे बेहतर बचाव हैं।
डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं – डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है।
एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
डेंगू से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं:
1. मच्छरों से बचाव करें, मच्छरदानी का उपयोग: सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, विशेषकर बच्चों के लिए। यह मच्छरों के काटने से बचाने का सबसे कारगर तरीका है।मच्छर भगाने वाले उत्पाद: मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर भगाने वाली क्रीम, स्प्रे या क्वाइल का इस्तेमाल करें।पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें: जब भी संभव हो, पूरी आस्तीन के कपड़े और लंबे पैंट पहनें ताकि मच्छरों के काटने से बचा जा सके।
2. पानी का जमाव रोकेंस्थिर पानी हटाएँ: एडीज़ मच्छर स्थिर पानी में अंडे देते हैं, इसलिए घर के अंदर और आसपास पानी का जमाव न होने दें। कूलर, फूलदान, पौधों के गमले, और टायर आदि में पानी इकट्ठा न होने दें।पानी की टंकी को ढक कर रखें: पानी की टंकियों और अन्य बर्तन जिनमें पानी संग्रहित किया जाता है, उन्हें अच्छी तरह ढककर रखें।
3. साफ-सफाई का ध्यान रखेंघर और आसपास सफाई रखें: घर के आसपास कचरा न जमने दें और नियमित रूप से साफ-सफाई करते रहें। नालियों और गड्ढों की सफाई सुनिश्चित करें। फिनाइल या क्लोरीन का उपयोग: नालियों और पानी के जमाव वाले स्थानों में फिनाइल या क्लोरीन का उपयोग करें, ताकि मच्छरों की वृद्धि को रोका जा सके।
4. डेंगू के लक्षणों पर ध्यान देंलक्षण पहचानें: अगर बुखार, सिरदर्द, आँखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, या त्वचा पर लाल चकत्ते दिखें, तो ये डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।जल्द इलाज कराएँ: डेंगू के संदिग्ध लक्षण होने पर खुद से इलाज करने के बजाय चिकित्सीय सलाह लेना उचित है। शुरुआती उपचार से बीमारी के गंभीर रूपों से बचा जा सकता है।
5. समुदाय में जागरूकता फैलाएँ जागरूकता अभियान: डेंगू के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लें और दूसरों को भी इसके बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दें।स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करें: यदि आपके क्षेत्र में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग या प्रशासन के साथ मिलकर मच्छर नियंत्रण के प्रयासों में सहयोग करें।डेंगू से बचाव के लिए सामूहिक प्रयासों और व्यक्तिगत सावधानियों दोनों की आवश्यकता होती है। यदि हम उपरोक्त उपायों का पालन करेंगे, तो डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव करना संभव है। याद रखें, डेंगू से बचाव ही इसका सबसे अच्छा इलाज है