देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हंस फाउण्डेशन द्वारा समाज के व्यापक हित में किये जा रहे कार्यों को समाज के लिये वरदान बताया है। देश के साथ ही उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, कृषक कल्याण एवं राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की आबादी के जीवन स्तर में सुधार लाने में हंस फाउण्डेशन द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी उन्होंने सराहनीय बताया है।
शनिवार को नई दिल्ली में हंस फाण्डेशन की 10वीं वर्षगाठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि माता मंगला के मार्गदर्शन में हंस फाउंडेशन उत्तराखंड में विजन 2020 पर काम कर रहा है। इसमें बिजली, पानी, सैनिटेशन, एजुकेशन, हेल्थ, रोजगार व महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ सुधार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में फाउंडेशन देश भर में मेडिकल मोबाइल वैन के जरिए उन गावों तक पहुंच रहा है जहां प्राथमिक स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं नहीं है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि फाउण्डेशन द्वारा गरीबों के लिए मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और आई हॉस्पिटल भी बनवाए हैं, जहां गरीबों के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। सतपुली में भी फाउंडेशन द्वारा ऐसा ही अस्पताल संचालित किया जा रहा है। फाउंडेशन 21 मेडिकल मोबाइल वैन भी चला रहा है जिससे लाखों लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। फाउंडेशन द्वारा जिला अस्पतालों में मॉर्डन आइसीयू बनाने में भी सहयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मिड डे मील के तहत हाल ही में उत्तराखंड सरकार और अक्षयपात्र के साथ मिलकर फाउंडेशन ने 09 मिड डे मील किचन बनवाने का फैसला किया है जिसकी लागत लगभग 70 करोड़ की है इन मिड डे मील किचन के जरिए 3,90,000 बच्चों को स्कूलों और आँगनवाड़ियों में गर्म और पौष्टिक आहार दिया जाएगा। फाउण्डेशन द्वारा गवर्नमेंट के 100 स्कूलों में काम भी चल रहा है। इसके अलावा हंस कल्चरल सेंटर के द्वारा 8 प्राइवेट स्कूलों को गोद भी लिया गया है। जहां बच्चों को निशुल्क शिक्षा तथा मिड डे मील की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। फाउण्डेशन द्वारा विकलांग जनों के कल्याण के लिए भी कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी कहते थे कि जिस तरह सूर्य समुद्र से जल सोखकर उसे निस्वार्थ भाव से बारिश के रूप में धरती को लौटाता है, उसी तरह मानव को भी निष्काम भाव से जनकल्याण के प्रयास करने चाहिए। यह उक्ति हंस फाउण्डेशन की माता मंगला पर सटीक बैठती है। मुख्यमंत्री ने माता मंगला को ममता की मूर्ति बताते हुए उनके दीर्घायु की कामना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हंस फाउण्डेशन इसी प्रकार जन कल्याण के परोपकारी कार्यों से समाज को दिशा प्रदान करता रहेगा। कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी, केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, टिहरी सांसद राजलक्ष्मी शाह, हंस फाउण्उेशन के संस्थापक भोले महाराज एवं माता मंगला देवी के साथ ही “द हंस फाउडेंशन” की अध्यक्षा श्वेता रावत एवं सह-संस्थापक मनोज भार्गव आदि उपस्थित थे।