देहरादून। विद्या भारती की अनोखी पहल ‘स्कूल चला गांव की ओर’ मुहिम ने शिक्षण की समस्या और समाधान के लिए एक नई राह दिखाई है। कोरोना वायरस संक्रमण बचाव के चलते जहां पूरे उत्तराखंड में भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, वहीं, ऑनलाइन पढ़ाई करने में अक्षम व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए इस संकट की घड़ी में हरिद्वार जनपद के रूड़की नगर में स्थित वासुदेव लाल मैथिल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के आचार्य संकटमोचक बनकर सामने आये हैंं। वर्तमान शिक्षा सत्र की पढ़ाई को पूरा कराने के लिए विद्यालय ने ‘स्कूल चला गांव की ओर’ की अनोखी पहल ने शिक्षण की समस्या और समाधान के लिए एक नई राह दिखाई है। विद्यालय ने ऑनलाइन शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए मौहल्ला शिक्षण की योजना बनाई है, जिसमें शिक्षक शिक्षक के लिए गांव, कस्बों में जा रहे हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का सख्ती के साथ पालन कराया जा रहा है। अपने मजबूते इरादों के बूते विद्यालय ने अबतक विद्यालय क्षेत्र के दस गांवों में स्कूल को पहुंचा दिया है।
कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन के चलते विद्यालयी शिक्षा पूर्णतय बंद पड़ी है। ऐसे में विद्यालय का नियमित पठन-पाठन एवं अन्य शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ विद्यालय में दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा से वंचित छात्रों, कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण जरूरी संसाधनों एंड्रायड फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर का आदि सुविधाओं के अभाव में पढ़ नहीं पा रहे छात्रओं को इस मुहिम के तहत आच्छादित किया गया है। विद्यालय के आचार्यों ने सबसे पहले पूर्ण लाकडाउन की समयावधि में प्रत्येक बच्चे का डाटा तैयार किया गया था, जिससे यह पता लगाया गया कि इनमें कौन-कौन और किस-किस गांव के बच्चें आनलाइन शिक्षण एवं अन्य शिक्षण गतिविधियों के निष्पादन कर पाने में सक्षम नहीं है, उन क्षेत्रों में कोविड-19 की गाइड लाइन के तहत मौहल्ला शिक्षण शुरू किया गया है। इस मुहिम के कारण अभिभावक भी खुश है।