देहरादून। सदी बढ़ते ही लोगों की परेशानी भी बढ़ रही है। सदी के असर से वायरल, बदन दर्द तथा शरीर में अकड़न बढ़ रही है। सबसे ज्यादा गठिया, जोड़ों का दर्द तथा पुराने दर्द के मरीजों को कठिनाईयों का समाना करना पड़ रहा है। अस्पताल में सामान्य दिनों के मुकाबले इन दिनों जोड़ों के दर्द के मामले दोगुने आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के मौसम में शरीर का तापमान गिरने से खून का संचार धीमा पड़ता है। ऐसे में जोड़ों के आसपास की मांसपेशियां और ऊतक सख्त हो जाते हैं, जिसके चलते अकड़न, सूजन और दर्द होता है। जिन मरीजों को पुरानी चोट लगी हो उनमें भी दर्द बढ़ जाता है।
सर्दी आते ही जोड़ों का दर्द परेशान करने लगता है। खासकर बुजुर्गों, गठिया के मरीजों और पुराने चोट वाले लोगों के लिए ये मौसम मुश्किल भरा होता है। तापमान गिरने के साथ शरीर की मांसपेशियां और जोड़ों की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे जकड़न, सूजन और दर्द बढ़ने लगता है। इन दिनों जोड़ों के दर्द वालों की संख्या भी काफी बढ़ती जा रही है। खासकर कमर और घुटनों के दर्द के मरीज अधिक मिल रहे हैं। बदलता मौसम जोड़ों पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है, ऐसे में सतर्क जरूरी है। ऐसे में समय में खुद को गर्म रखना, नियमित रूप से हल्का व्यायाम और स्ट्रेचिंग करना, गर्म सिकाई करना और संतुलित आहार लेना शामिल है।
कारणों को समझें
सर्द मौसम: तापमान कम होने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम होता है और जोड़ों में अकड़न और दर्द बढ़ जाता है।
बीमारियां: सर्दी-जुकाम, फ्लू या अन्य संक्रमण भी शरीर में दर्द और ठंड लगने का कारण बन सकते हैं।
अन्य कारक: अधिक वजन, तनाव और निष्क्रिय जीवनशैली भी सर्दियों में दर्द को बढ़ा सकते हैं।
राहत के लिए क्या करें
शरीर को गर्म रखें: ढीले और गर्म कपड़े पहनें, और खासकर हाथों और पैरों को ढक कर रखें।
व्यायाम करें: हल्का व्यायाम मांसपेशियों को लचीला और जोड़ों को सक्रिय रखता है।
पर्याप्त पानी पिएं: शरीर में पानी की कमी से दर्द और अकड़न बढ़ सकती है, इसलिए पर्याप्त पानी और गर्म पेय पदार्थ पिएं।
आहार में बदलाव करें: सूजन कम करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे लहसुन, मेवे और तैलीय मछली खाएं और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें।
हीटिंग पैड का प्रयोग करें: दर्द और अकड़न वाले हिस्सों पर हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें, लेकिन लंबे समय तक उपयोग से बचें।
डॉक्टर से सलाह कब लें
अगर दर्द बहुत ज़्यादा है या घरेलू उपायों से आराम नहीं मिल रहा है। अगर आपको तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ या अन्य गंभीर लक्षण हैं। अगर आप कोई दवा या सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।

