30 Jun 2025, Mon

वीर हकीकत राय को भक्त शिरोमणि घोषित करें सनातन के धर्माचार्य-यति नरसिंहानन्द सरस्वती

वीर हकीकत राय को भक्त शिरोमणि घोषित करें सनातन के धर्माचार्य-यति नरसिंहानन्द सरस्वती
हरिद्वार। बसन्त पंचमी के अवसर पर भूमा निकेतन में माँ बगलामुखी महायज्ञ स्थल पर वीर हकीकत राय को श्रद्धांजलि समर्पित की गयी।  महायज्ञ आरम्भ करने से पहले विधि विधान से वीर हकीकत राय की स्मृति में पूजा अर्चना की।बसन्त पंचमी के दिन सन 1734 में इस्लामिक शरीयत के अनुसार केवल 13 वर्ष की अल्पायु में वीर हकीकत राय को फाँसी पर लटका दिया गया था।
अपने शिष्यों को वीर हकीकत राय के बारे में बताते हुए यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने कहा की पंजाब के सियालकोट में सन् 1721 में जन्घ्में वीर हकीकत राय जन्घ्म से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। यह बालक 4-5 वर्ष की आयु में ही इतिहास तथा संस्कृत आदि विषय का पर्याप्त अध्ययन कर लिया था। 10 वर्ष की आयु में फारसी पढ़ने के लिये मौलबी के पास मस्जिद में भेजा गया, वहॉं के मुसलमान छात्र हिन्घ्दू बालको तथा हिन्घ्दू देवी देवताओं को अपशब्घ्द कहते थे। बालक हकीकत उन सब के कुतर्को का प्रतिवाद करता और उन मुस्लिम छात्रों को वाद-विवाद में पराजित कर देता।किन्घ्तु वह बालक अपने निश्घ्चय पर अडिघ्ग रहा और बंसत पंचमी सन 1734 को जल्घ्लादों ने उसे फॉंसी दे दी। श्रीब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित अधीर कौशिक ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा की यदि संत समाज ऐसी पहल करता है तो श्री ब्राह्मण महासभा अपनी सम्पूर्ण शक्ति के साथ उनका सहयोग करेगी। महायज्ञ के उपरांत वीर हकीकत राय को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि समर्पित की गयी। श्रद्धांजलि समर्पित करने वालो में हिन्दू स्वाभिमान के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष बाबा परमेन्द्र आर्य,यति सत्यदेवानंद सरस्वती,यति रामस्वरूपानंद सरस्वती, यति सेवानंद  सरस्वती,यति भावेशनन्द सरस्वती, पण्डित सनोज शास्त्री,डॉ गजेंद्र त्यागी, बृजमोहन सिंह,पण्डित हरिकिशन शर्मा,विजयपाल त्यागी,मुकेश त्यागी,सुशील यादव तथा अन्य भक्तगण उपस्थित थे।

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