-प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन की तैयारी
देहरादून। राज्य से जुडे स्थानीय साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक पत्र-पत्रिकाओं के साथ हो रही उपेक्षा को लेकर उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने आज सूचना लोक सम्पर्क विभाग में महानिदेशक के नाम संबोधित एक 10 सूत्रीय मांग पत्र विभागीय कर्मियों के मामध्य से प्रेषित किया।
इस मांग पत्र में कहा कि प्रदेश में आज स्थानीय साप्ताहिक, मासिक व पाक्षिक समाचार पत्र पत्रिकाओं का अस्तित्व खतरे में है। प्रदेश का सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग विज्ञापन आवंटन के मामले में स्थानीय साप्ताहिक, मासिक व पाक्षिक समाचार पत्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। उत्तराखंड पत्रकार महासंघ ने हाल ही में निर्णय लिया था कि वह राज्य सरकार और सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग की इस भेदभाव पूर्ण नीति के विरोध में प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी। इसी कड़ी में उत्तराखंड पत्रकार महासंघ से जुड़े पत्रकारों ने आज देहरादून स्थित सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग निदेशालय में एक 10 सूत्रीय मांग पत्र देते हुए चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही महासंघ की मांगो पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग और राज्य सरकार ने सकारात्मक रूख नहीं दिखाया तो महासंघ प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर विरोध दर्ज करवाने के साथ-साथ प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष निशीथ सकलानी ने महानिदेशक को प्रेषित 10 सूत्रीय मांग पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि प्रदेश में स्थानीय समाचार पत्रों में साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक समाचार पत्रों के साथ हो रहा भेदभाव अब किसी सूरत में बरदास्त नहीं किया जायेगा। उन्हांेने कहा कि विभाग द्वारा समाचार पत्रों के साथ भेदभाव पूर्ण नीति अपना रही है, जिसके चलते उन्हें विज्ञापनों से वंचित रखा जा रहा है। जिसे चलते प्रदेश के पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। श्री सकलानी ने महानिदेशक से मांग की है कि राज्य का सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग प्रदेश से निकलने वाले सभी स्थानीय समाचार पत्रों को समान रुप से विज्ञापन आवंटित करे। उन्हांेने कहा कि  राज्य से प्रकाशित सभी दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक पत्र-पत्रिकाओं को समान रूप से विज्ञापन आवंटित किये जाएं। मांग पत्र सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में बीना उपाध्याय, मदन उपाध्याय, नरेश रोहिला, सुभाष कुमार, राजीव शर्मा, हेमेंद्र मालिक, राकेश शर्मा, अनुराधा शर्मा, सरोजनी सकलानी, राकेश भट्ट, विपिन कुमार सिंह, सुधीर बडोला, अमर बहादुर एवं राजेन्द्र सिंह सिराड़ी आदि शामिल थे।