देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान देहरादून के हिंदी अनुभाग द्वारा राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए “राजभाषा प्रबंधन” पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य संस्थान के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों की हिंदी में कार्य करने में रूचि बढ़ाना एवं राजभाषा कार्यान्वयन के निजी उत्तरदायित्व से परिचय कराना था।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में नीलिमा शाह कुलसचिव ने ए.एस.रावत, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान एवं विषय विशेषज्ञ डॉ. जयन्ती प्रसाद नौटियाल, महानिदेशक, वैश्विक हिंदी शोध संस्थान, देहरादून तथा संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों का स्वागत किया। संस्थान निदेशक ने अपने भाषण में कहा कि जापान, चीन, रूस आदि देश अपनी मातृभाषा के प्रयोग के बल पर विकसित हुए है। हमें संस्थान में हिंदी में ही कार्य करना चाहिए। अपने व्याख्यान में डॉ. नौटियाल ने हिंदी के महत्व को कई उदाहरणों के माध्यम से समझाया और सिद्ध किया कि हिंदी हमारें सस्कारों एवं सोच में निहित है तथा हिंदी से ही हमारा राष्ट्र समृद्ध एवं विकसित होगा। प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान वैज्ञानिकों और अधिकारियों के समस्याओं का समाधान भी दिया गया। शंकर शर्मा, सहायक निदेशक (राजभाषा) के धन्यवाद ज्ञापन उपरांत कार्यशाला का समापन किया गया।