देहरादून। नगर निगम क्षेत्र में अवैध मंडियों के खिलाफ सोमवार को यूकेडी के महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उपनगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन सब्जियों मंडियों में बाहरी व्यक्ति ठेलियां लगाते हैं। जहां कई राज्यों के अवांछित तत्व और अपराधी हैं.कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह रेड़ी और ठेलियां वाले गोंडा, बस्ती, बिजनौर, सहारनपुर, मेरठ और मुजफ्फरनगर से देहरादून शहर में आते हैं। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जो भी आपराधिक मामले होते हैं। रेड़ी और ठेलियां वाले उसका एक मुख्य कारण हैं. कार्यकर्ताओं वहीं, यूकेडी के महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद सड़कों के किनारे किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। लेकिन 6 नंबर पुलिया में वेंडर जोन नगर निगम द्वारा बनाया जा रहा है. जो अतिक्रमण के दायरे में आता हैं। उन्होंने कहा कि जो वेंडर जोन खोला जा रहा है, वह अवैध है. क्योंकि वह जमीन सिंचाई विभाग की है.ने धमकी दी कि अगर इस तरह के लोगों को सब्जी मंडियों से नहीं हटाया गया तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। सुनील ने बताया कि नगर निगम की वेंडर कमेटी ने कोई नियमावली तय नहीं की है. वेंडर जोन में व्यक्ति ही रेड़ी या ठेली लगा सकता है या जो राज्य का मूल निवासी हो। लेकिन कहीं ना कहीं इस साजिश में राजनीति और निगम में बैठे उच्च अधिकारियों का हाथ है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आए लोग माता मंदिर रोड, सरस्वती विहार चैक, नेहरू कॉलोनी, नथुवाला प्राथमिक स्कूल के पास और निरंजनपुर सहित कई ऐसी मंडियों में रेड़ी या फिर ठेली लगाते है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के 100 वार्डों में निगम की जमीनों पर 20 से लेकर 25 वेंडर जोन बनाए जाएं और वेंडर नीति में केवल राज्य के मूल निवासी को ही वेंडर अनुमति मिले। नगर निगम तत्काल प्रभाव से 6 नंबर पुलिया के वेंडर जोन को बंद करे, साथ ही केवल स्थानीय मूल निवासियों के हितों को ध्यान में रखें। उन्होंने कहा कि संरक्षण में अवैध रूप से सब्जी मंडियों को अविलंब हटाया जाए अन्यथा उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन के लिए बाध्य होगा।