देहरादून। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने जीवन- सेविंग लाइव्स की शुरूआत की, यह एक एक्यूट हार्ट अटैक हेल्पलाइन प्रोटोकॉल है, जो हृदय की आपातकालीन स्थिति में अंतरराष्ट्रीय हार्ट अटैक प्रोटोकॉल के तहत मेडिकल परामर्श की सुविधा देने वाला एक हब और स्पोक मॉडल है।
इस हेल्पलाइन का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमती बेबी रानी मौर्य, उत्तराखंड की राज्यपाल,  अतिथि, डॉ. अमिता उप्रेती, महानिदेशक- स्वास्थ्य, उत्तराखंड ने किया। इस अवसर पर उपस्थित डॉक्टरों की टीम थी – डॉ. प्रीति शर्मा, एसोसिएट डायरेक्टर, डॉ. पुनीश सदाना, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, डॉ. इरफान याकूब भट, कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी, डॉ. रवि कुमार सिंह, सीटीवीएस सर्जन, डॉ. सुखविंदर सिंह, नॉन-इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. पंकज झलडियाल, सीनियर कंसल्टेंट और आपातकालीन और  ट्रामा विभाग के प्रमुख, और डॉ. संदीप सिंह तंवर – उपाध्यक्ष और यूनिट प्रमुख, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देहरादून। डॉ. प्रीति शर्मा, एसोसिएट डायरेक्टर – कार्डियक साइंसेज विभाग का कहना है, जीवन-सेविंग लाइव्स कार्यक्रमष् अस्पताल नर्सिंग होम से जुड़ेगा। इससे डॉक्टरों को हृदय रोगी का बेहतर इलाज करने में मदद मिलेगी। डॉ. पुनीश सदाना, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, ने कहा कि अस्पताल जिन्होंने जीवन-सेविंग लाइव्स के तहत करार किया है, उस हॉस्पिटल में कोई भी कार्डियक इमरजेंसी आने पर, वहां के संबंधित डॉक्टर, जीवन-सेविंग लाइव्स हेल्पलाइन नंबर पर पहले एक मिस कॉल करेंगे और फिर उस हेल्पलाइन नंबर पर ईसीजी व्हाट्सएप करेंगे और फिर 5 मिनट बाद हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके कार्डियोलॉजिस्ट को रोगी की स्थिति के बारे में बताएंगे।“ डॉ. रवि कुमार सिंह, सीनियर कंसल्टेंट- सीटीवीएस सर्जन, ष्मैक्स अस्पताल, देहरादून में आपातकालीन टीम, कार्डियोलॉजिस्ट, कार्डियक सर्जन किसी भी प्रकार के हृदय संबंधी आपातकाल में एक टीम के रूप में कार्य करते हैं। अगर रोगी एंजियोप्लास्टी में अच्छी तरह से प्रतिक्रिया नहीं देता है, तो ऐसी स्थिति में आपातकालीन सीएबीजी को भी तुरंत प्रबंधित किया जाता है। इमरजेंसी मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार और एचओडी डॉ. पंकज झलडियाल ने बताया, “जैसे ही किसी भी कार्डियक इमरजेंसी की सूचना मिलती है, एक एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस तुरंत भेज दी जाती है, कैथ लैब को सक्रिय कर दिया जाता है, कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डियक टीम को तैयार रखा जाता है। डॉ. इरफान याकूब भट, सलाहकार ने आगे कहा, “पिछले तीन साल में मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में, हमने 90-120 मिनट के अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देश की तुलना में 60 मिनट से कम समय के डोर टू बैलून समय को प्राप्त किया है।
    
    
