अल्मोड़ा। प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से योग शिक्षा लागू की जायेगी, यह बात प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने कही।
योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय एवम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर ऑफ यौगिक साइंसेज के संयुक्त तत्वावधान में बेबीनार का द्वितीय दिवस का उद्घघाटन प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति प्रो एन एस भंडारी व विभागध्यक्ष एवं बेबीनार संयोजक डॉ. नवीन भट्ट द्वारा किया गया। स्वस्ति वाचन के साथ कार्यक्रम का उदघाटन किया गया।
कुलपति प्रो एन एस भंडारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री से योग विज्ञान विभाग को योग का सर्वोत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित करने हेतु आवश्यक सुविधाएं व ढांचा हेतु कार्यवाही करने का निवेदन किया।
कुलपति प्रो एन एस भंडारी ने उच्च शिक्षा मंत्री को विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से अवगत कराते हुए कहा कि विश्वविद्यालय बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होंने योग विभाग द्वारा निरंतर समाज हित में किये जा रहे कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी।
कार्यक्रम की भूमिका बताते हुए योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने अतिथियों को योग विज्ञान विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग द्वारा निरन्तर समाज हित में कार्य हो रहे है।विभाग अनेकों सेमिनारों, कार्यशालाओं, प्रशिक्षण शिविरों, जनजागरण कार्यक्रमों, रक्तदान, स्वच्छता, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण आदि कार्यक्रमों से समाज को लाभान्वित कर रहा है।योग विज्ञान विभाग का उद्देश्य बताते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग का उद्देश्य गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही ऐसी पीढ़ी का निर्माण करना जो राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकें।
बेबीनार के संयोजक डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने अल्मोड़ा को एक वैदिक शिक्षा के केंद्र के रूप में वह विकसित करना चाहते थे। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री से योग विज्ञान विभाग को एक सर्वोत्तम केंद्र के रूप में विकसित करने एवं योग को प्राथमिक से उच्च शिक्षा स्तर योग को अनिवार्य करने एवं योग प्रशिक्षितों को नियुक्ति प्रदान करवाने की मांग की ।
उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा इस पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा योग विज्ञान विभाग के द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की ।उन्होंने कहा कि वर्तमान कोविड 19 के इस महामारी के समय योग अभ्यास किस प्रकार से वरदान सिद्ध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से योग विज्ञान विभाग समाज हित व राष्ट्र हित के कार्यों को किया जा रहा है। वह बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने विभागध्यक्ष व कार्यक्रम के संयोजक डॉ नवीन भट्ट की मांगों पर अपनी सहमति प्रदान करते हुए कहा कि कोराना संकट के बाद स्थिति सामान्य होने पर यथा शीघ्र प्रदेश के सभी डिग्री कालेजों में योग शिक्षा को आरम्भ करने व योग के क्षेत्र में रोजगार के अवसर का आश्वासन दिया। तत्पश्चात कार्यक्रम के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट ने मुख्य अतिथि का इस कार्यक्रम में अपने व्यस्ततम कार्यक्रम में से समय निकालकर जुड़ने हेतु हृदय से आभार धन्यवाद ज्ञापित किया।
अंत में संचालन कर्ता विश्वजीत वर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।इस दौरान हजारों लोग वर्चुवल रूप से उपस्थित थे।
बेबिनार के इस द्वितीय दिवस में चतुर्थ तकनीकी सत्र 9:30 – 1:00 पीएम तक सम्पन्न हुआ । जिसकी अध्यक्षता प्रो साधना दुनेरिया , विभागाध्यक्ष योग विज्ञान विभाग, बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, मध्यप्रदेश, मुख्य वक्ता , अन्तर्राष्ट्रीय योग गुरु श्री मोहन भंडारी, चाइना एवं योग विषय के विशेषज्ञ के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय योग गुरु, व्हिटनी , साउथ अमेरिका; डॉ अर्पिता नेगी , योग अध्ययन विभाग , हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला ; डॉ विनोद नौटियाल, पूर्व विभागाध्यक्ष, योग विभाग, एच एन बी श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय; डॉ संजीव त्यागी, फाउंडर, निर्देशक एवरेस्ट योग इंस्टीट्यूट, लुधियाना पंजाब एवं डॉ दीपक कुमार, योग विभाग, उत्तराखंड ओपन विश्वविद्यालय, उत्तराखंड ने अपने व्याख्यान दिए ।
कार्यक्रम के सम्मानित अतिथियों का स्वागत बेबिनार संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट जी ने किया । तत्पश्चात विशेषज्ञों का व्याख्यान आरम्भ हुआ जिसमें प्रथम वक्ता डॉ दीपक कुमार ने आयुर्वेद के द्वारा कोराना से कैसे स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते है उन उपायों का व्यवहारिक रूप से बताया । द्वितीय वक्ता के रूप में डॉ संजीव त्यागी ने विद्यार्थियों को बहुत ही रोचक व प्रेरक उद्बोधन द्वारा योग से शारीरिक तन्दरूस्ती एवं योग के विभिन्न आयोमों एवं संभावनाओं को स्पष्ट किया। तृतीय वक्ता डॉ विनोद नौटियाल जी ने इस विषम परिस्थिति में कैसे महर्षि पतंजलि द्वारा बताए गए चित्त प्रसादन के उपायों द्वारा मन को शांत, स्थिर, व एकाग्र रखते हुए स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है इसे सरल सारगर्भित रूप से समझाया। चतुर्थ वक्ता के रूप में डॉ अर्पिता नेगी मैम ने बहुत ही वैज्ञानिक रूप से विभिन्न शोधों के आधार पर योग अभ्यास के वर्तमान कोरोना काल में स्वास्थ्य पर प्रभाव को स्पष्ट की ।
मुख्य वक्ता अन्तर्राष्ट्रीय योग गुरु श्री मोहन भंडारी ने स्वस्थ्य जीवन हेतु योग के विभिन्न अभ्यासों जिसमें यम नियम आसन प्राणायाम ध्यान आदि के वैज्ञानिक रूप से प्रभाव सहित विवेचन किया । सत्र के मध्य विद्यार्थियों के प्रश्नों व जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया । इस सत्र के अध्यक्षा प्रो साधना दूनेरिया , मध्य प्रदेश ने सभी वक्ताओं के व्याख्यान को समेटते हुए सारगर्भित रूप में इस पूरे सत्र का मर्म एवं योग विद्या के इस वर्तमान कोरोना महामामारी के दौरान भूमिका को स्पष्ट किया । अंत में कार्यक्रम के संयोजक डॉ नवीन चन्द्र भट्ट सभी सम्माननीय अतिथियों का हार्दिक आभार धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम संचालन विश्वजीत वर्मा ने किया। इस सत्र को हजारों विद्यार्थियों ने विभाग के फेसबुक पेज एवं यूट्यूब चैनल पर लाइव देखा ।
योग शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाता है
योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर ऑफ यौगिक साइंसेज के संयुक्त तत्वावधान में दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग वेबीनार के द्वितीय दिवस के पंचम तकनीकी सत्र 1:30 – 4:30 बजे तक सम्पन्न हुआ। सत्र का आरंभ गुरु मंत्र के माध्यम से किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम के सम्मानित अतिथियों का स्वागत डॉ नवीन चन्द्र भट्ट संयोजक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार एवं विभागाध्यक्ष योग विज्ञान विभाग के माध्यम से किया गया। तत्पश्चात इस सत्र की अध्यक्षता प्रो सुरेंद्र कुमार त्यागी , विभागाध्यक्ष योग विज्ञान विभाग, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार उत्तराखंड ने की। सत्र के मुख्य वक्ता- डॉ कामाख्या कुमार, विभागाध्यक्ष, योग विज्ञान विभाग उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार उत्तराखंड ने पोस्ट कोविड मनोवैज्ञानिक विकार और योग के माध्यम से इसका प्रबंधन विषय पर अपने विचार व्यक्त किए ।
सत्र की
व्यवस्थाओं में सर्वप्रथम प्रोफेसर सोनी कुमारी प्रोफेसर स्वामी विवेकानंद योग विज्ञान अनुसंधान केंद्र बेंगलुरू कर्नाटका ने.वर्तमान जीवन शैली में प्राचीन भारतीय वैदिक पद्धतियों की प्रासंगिकता विषय पर प्रकाश डाला।
सत्र के दूसरे वक्ता के रूप में डॉक्टर सुरेश लाल वर्णवाल विभाग अध्यक्ष योग विज्ञान एवं मानव चेतना मानव चेतना एवं योग विज्ञान विभाग देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार ने योग के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य की प्राप्ति कैसे हो विषय पर बहुत ही सुंदर तरीके से अपने विचार व्यक्त किए।
सत्र के तीसरे वक्ता के रूप में डॉक्टर अमित कुमार मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरोग्यधाम एवं एसोसिएशन ऑफिसर स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान केंद्र बेंगलुरू कर्नाटक ने कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में योग चिकित्सा का एकीकृत दृष्टिकोण विषय पर बहुत ही सुन्दर सुंदर तरीके से अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण किया।
सत्र के चतुर्थ वक्ता के रूप में डॉक्टर अजय पाल असिस्टेंट सहायक प्राध्यापक केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा महेंद्रगढ़ में योगा फॉर इम्यूनिटी विषय को मानव शरीर एवं रचना विज्ञान पर इसके प्रभाव के आधार पर अपने विचारों को प्रस्तुत कियाँस
सत्र के पंचम वक्ता के रूप में डॉ विनय कुमार भारती योग चिकित्सक मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने कोविड -19 महामारी में योग के निवारक और चिकित्सीय नियम विषय पर बहुत ही सुंदर तरीके से अपने विचार व्यक्त किए।
सत्र के अंतिम वक्ता के रूप में सत्राध्यक्ष प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार त्यागी विभागाध्यक्ष योग विज्ञान विभाग गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार ने सभी वक्ताओं के व्याख्यानों को निष्कर्ष रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी वक्ताओं के व्याख्यान को समेटते हुए सारगर्भित रूप में इस पूरे सत्र का मर्म एवं योग विद्या के महत्व की इस वर्तमान कोरोना महामामारी के दौरान भूमिका को स्पष्ट किया और सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की।
अंत में कार्यक्रम के संयोजक डॉ नवीन चन्द्र भट्ट ने सभी सम्माननीय अतिथियों का हार्दिक आभार धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम संचालन संयुक्त रूप से कार्यक्रम समन्वयक मोनिका बंसल एवं कार्यक्रम सचिव विश्वजीत वर्मा ने किया। इस सत्र को हजारों विद्यार्थियों ने विभाग के फेसबुक पेज एवं यूट्यूब चैनल पर लाइव देखा ।