मुम्बई । प्रख्यात लेखिका पुष्पा भारती को उनके संस्मरण ‘यादें, यादें और यादें’ के लिए 2023 का व्यास सम्मान दिया गया। मुंबई के भवन्स कॉलेज के एसपी जैन सभागार में एक भव्य समारोह में 33वाँ व्यास सम्मान फिल्मकार गुलजार ने 89 वर्षीया विदुषी डॉ. पुष्पा भारती को समर्पित किया।

इस अवसर पर गुलजार ने कहा,’मैं उन्हें पी बी कहता हूँ । इसका मतलब पुष्पा भारती नहीं,प्रिय भाभी है।भारती जी (डॉ धर्मवीर भारती) की परछाईं से,उनकी खुशबू से साहित्य की श्रेष्ठता का बोध होता था।पुष्पा जी के लेखन में समयगत सच्चाइयां दर्ज हैं।’

भावुकता से सराबोर पुष्पा भारती ने कहा,’आज मेरा रोम -रोम कह रहा है-कृतज्ञता,कृतज्ञता,कृतज्ञता’।विश्वनाथ सचदेव ने कहा,’उनका पत्रकार रूप बहुत कम लोगों को पता है।वे सोनिया गांधी का इंटरव्यू लेनेवाली देश की पहली पत्रकार हैं, जो आज भी याद किया जाता है।’

केके बिरला फाउंडेशन के निदेशक डॉ सुरेश ऋतुपर्ण ने प्रशस्ति पत्र का वाचन किया व संचालन अतुल तिवारी ने किया। केके बिरला फाउंडेशन के इस आयोजन में शर्मिष्ठा वसु ने डॉ धर्मवीर भारती जी की ‘कनुप्रिया’ के कुछ अंश प्रस्तुत किये।अभिषेक पांडेय ने कुछ प्रेम पत्रों का वाचन किया।कविता गुप्ता व यूनुस खान ने पुरस्कृत कृति से कुछ लेखों को पढ़कर सुनाया।

हिंदी साहित्य के जाने-माने विद्वान प्रो. रामजी तिवारी की अध्यक्षता में एक चयन समिति ने लेखिका की कृति का चयन किया। समिति के अन्य सदस्यों में डा. श्याम सुंदर पांडेय, अरूणा गुप्ता, प्रो अनिल राय , डा. विजया सती और के के बिरला फाउंडेशन के निदेशक डा. सुरेश ऋतुपर्ण शामिल हैं।

भारती ने अपने संस्मरण ‘यादें, यादें और यादें’ में विभिन्न साहित्यकारों , विशेषत: हिंदी के चोटी के साहत्यकारों से संबंधित अविस्मरणीय संस्मरणों को रेखांकित किया है जिनमें माखनलाल चतुर्वेदी, अज्ञेय, महादेवी वर्मा, निराला, राही मासूम रजा, कमलेश्वर एवं कई अन्य शामिल हैं। यह किताब 2016 में प्रकाशित हुई थी।

व्यास सम्मान चयन वर्ष से ठीक पहले 10 वर्ष की अवधि में प्रकाशित किसी भी भारतीय नागरिक की हिंदी की एक उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को भेंट किया जाता है। व्यास सम्मान की शुरुआत 1991 में की गई थी।

11 जून, 1935 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में जन्मीं भारती की ‘शुभागता’, ‘ढाई आखर प्रेम के’, ‘सरस संवाद’, ‘सफर सुहाने’ समेत कई अन्य किताबें पाठकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुई हैं। लेखिका महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी सम्मान 2008, हिंदी सेवा सम्मान-कालिदास अकादमी, उज्जैन और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के साहित्य भूषण समेत अन्य सम्मान से सम्मानित की जा चुकी हैं।

अब से पहले यह सम्मान डा. रामविलास शर्मा, डा. शिवप्रसाद सिंह, गिरिजा कुमार माथुर, डा. धर्मवीर भारती, चित्रा मुद्गल, मृदुला गर्ग, मन्नू भंडारी और डा. ज्ञान चतुर्वेदी समेत विभिन्न साहित्यकारों को प्रदान किया जा चुका है।

इस मौके पर प्रज्ञा, अंशुमान, गायिका इला अरुण,केके रैना,उत्तम सिंह,पत्रकार के विक्रम राव,लेखिका सूर्यबाला, विजय कुमार,हरीश पाठक,सुभाष काबरा, विभा रानी,सुदर्शना द्विवेदी, अजय ब्रह्मात्मज, रेखा बब्बल, चित्रा देसाई, प्रज्ञा पद्मजा, ममता सिंह,गंगाशरण सिंह,अमर त्रिपाठी सहित कला,साहित्य,संस्कृति व फ़िल्म से जुड़े तमाम लोग उपस्थित थे।