27 Aug 2025, Wed

पौड़ी में बर्फबारी से राष्ट्रीय राजमार्ग रहा बाधित

पौड़ी। पौड़ी में रविवार को बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही कुल 9 मोटरमार्गों पर यातायात बाधित होता रहा। इसके साथ ही राज्यमार्ग मरचूला-सराइखेत-सतपुली, थलीसैंण-बूंगीधार-मरचूला, थलीसैंण-चिपलघाट, अन्य जिला मार्ग रिखणीखाल-थलीसैंण, ग्रामीण मार्ग सौफखाल-बंदरकोट, मैखुली-देवराड़ी, कठूड़खाल-गणतखाल, संतुधार- चैबट्टाखाल भी बर्फबारी से बाधित रहे। हालांकि इन मार्गों पर जेसीबी मशीन मार्गों को खोलने में जुटी रही। बुआखाल-रामनगर हाईवे पर रविवार सुबह 10 बजे सुबह पपड़तोली -मुसागली के बीच चट्टान टूटने से मोटर मार्ग करीब ढाई घंटे बंद रहा। मार्ग बंद होने से मोटर मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। साढ़े बारह बजे बाद सड़क खुल पाई। जिसके बाद लोगों को राहत मिली। स्थानीय ग्रामीण एवं पाबौ भाजपा ब्लाक मंडल अध्यक्ष दीपक रावत ने बताया कि जेसीबी की मदद से बोल्डरों को हटाकर वाहनों की आवाजाही शुरू की गयी। बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बर्फ को हटाने में थलीसैंण पुलिस दो दिनों से जुटी हुई है। इस दौरान थलीसैंण पुलिस ने 200 से अधिक लोगों को रेस्क्यू भी किया है। थलीसैंण पुलिस के करीब 7 पुलिसकर्मी राष्ट्रीय राजमार्ग पर हिमपात से टूटे पेड़ों को काटकर रास्ता साफ कर रहे हैं। पुलिस के इस सहयोग से बर्फ को हटाने मे लगी जेसीबी को काफी सहयोग मिल रहा है। बीते गुरुवार रात को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई। जिले में इसका सबसे अधिक प्रभाव रामनगर-धुमाकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के थलीसैंण वाले क्षेत्र में पड़ा। यहां तीन बारात भी रातभर सड़क पर वाहनों में फंसे रहे। घनियाखाल के समीप को फंसी बरात के पास भी सबसे पहले थलीसैंण पुलिस ही पहुंची थी। थाना थलीसैंण के एसओ संतोष पैथवाल सहित 7 पुलिसकर्मी गुरुवार रात से ही बर्फ हटाने के प्रयास में जुटे रहे। एसओ संतोष पैथवाल ने बताया कि रविवार को जेसीबी मंगाई गई। जेसीबी के सहयोग से दीवा मंदिर तक करीब 5 किमी का दायरे से बर्फ हटा दी गई। इस दौरान करीब पुलिस ने अपने सरकारी वाहन से बर्फ में फंसे लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया। बताया कि उक्त मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है। थलीसैंण पुलिस की सक्रियता की लोगों ने सराहना भी की है।
तीन दिन से कपीरी के 20 से अधिक गांव अंधेरे में
चमोली। ब्लाक के कपीरी पट्टी के 20 से अधिक गांव पिछले तीन दिनों से अंधेरे में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि भारी हिमपात से गांवों की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। लेकिन निगम कर्मी लाइनों की सुध नहीं ले रहे हैं।किमोली के पूर्व प्रधान खिलदेव सिंह रावत, विजय पंवार, कपीरी संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, पुष्कर सिंह रावत सहित अन्य का कहना है कि 13 दिसंबर को भारी हिमपात के चलते किमोली, पारतोली, तोल्यूं, रिठोली, गड़कोट, जस्यारा, कंडारा, खत्याड़ी, पाडली, सुणाईं, ह्यूंणा, थग्याला, सेरागाड़, रैगांव सहित आस पास के बीस से अधिक गांवों की बिजली गुल है। जिसकी शिकायत ऊर्जा निगम को 13 दिसंबर को ही दे दी गई थी। लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी गांवों की विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। ऐसे में लोगों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो ग्रामीण ऊर्जा निगम के कार्यालय का घेराव करेंगे। इधर निगम के एसडीओ मुकेश शर्मा का कहना है कि हिमपात के चलते कई जगह लाइनें टूटी हैं। जेई सहित संबधित कर्मी लाइनों को ठीक करने में जुटे हैं। जल्द ही बिजली आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी।

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