देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती पेपर लीक मामले में आज एसटीएफ ने इनामी नकल सरगना सादिक मूसा का साथी अभियुक्त संपन्न राव को गोमतीनगर लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। पेपर लीक मामले में यह 34वीं गिरफ्तारी की है। अभियुक्त संपन्न राव मूल रूप से गाजीपुर उत्तर प्रदेश का निवासी है, जिससे लाखों की नगदी भी बरामद हुई है।
सरगना सादिक मूसा पेपर लीक कराने का असल मास्टरमाइंड
पेपर लीक कराने का असल मास्टरमाइंड आरएमएस सॉल्यूशन कंपनी के मालिक का खास दोस्त सैयद सादिक मूसा निकला। उसकी तलाश में एसटीएफ लगातार दबिश दे रही है। मगर वह अंडरग्राउंड हो गया है। उसके नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि उसने कंपनी के मालिक के साथ मिलकर वर्ष 2015 से अब तक दर्जनों परीक्षाओं के पेपर लीक कराए हैं। कंपनी की प्रेस से लीक होकर पेपर पहले मूसा के पास ही पहुंचता था। इसके बाद चेन पर चेन बनती थी।
पेपर लीक मामले में पिछले दिनों उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन के मालिक राजेश चौहान के पकड़े जाने के बाद उसे ही मास्टरमाइंड बताया जा रहा था। मगर, जब उसने राज खोले तो पता चला कि इसका मास्टरमाइंड लखनऊ का रहने वाला सैयद सादिक मूसा है। वह मूल रूप से अंबेडकर नगर का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि मूसा और कंपनी के डायरेक्टर की मुलाकात वर्ष 2014 में हुई थी। इसके बाद उन्होंने इस खेल से मोटा धन कमाने की योजना बनाई। इसके बाद शुरू हुआ पेपर लीक कराने का खेल।
वर्ष 2015 में आयोग के गठन के बाद उत्तराखंड में होने वाली ज्यादातर परीक्षाओं का ठेका आरएमएस कंपनी को दिया जाने लगा। राजेश और मूसा ने बड़े ही शातिराना अंदाज में पहले दरोगा भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट में खेल करना शुरू किया। इसके बाद जब अन्य परीक्षाओं के पेपर की छपाई का काम इस कंपनी के पास आया तो मूसा और राजेश की चांदी हो गई। इन्होंने हाकम, केंद्रपाल और अन्य दलालों के साथ मिलकर अपना पूरा गैंग खड़ा कर दिया। बताया जा रहा है कि इन दोनों का अन्य राज्यों में भी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कराने में हाथ है।