नैनीताल। हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की खरीद फरोख्त संबंधी स्टिंग आपरेशन की सीबीआई जांच के मामले में दायर याचिका पर  न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई के अधिवक्ता कोर्ट में पेश नहीं हो सके। इसके चलते अब सुनवाई एक मई तक के लिए टल गई है।
मामले के अनुसार मार्च 2016 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था। इसके बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और 31 मार्च 2016 को राज्यपाल की संस्तुति पर हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई। सीबीआई की प्राथमिक जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई। दूसरी ओर, हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के उस 15 मई के आदेश को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें कैबिनेट ने सीबीआई से जांच हटाकर एसआईटी को जांच के आदेश दे दिए थे। इस बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की गैरमौजूदगी में कैबिनेट के अन्य सदस्यों द्वारा निर्णय लिया गया था। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में हरीश रावत, हरक सिंह रावत व चैनल के सीईओ उमेश शर्मा  के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई है।