देहरादून। भाजपा नेता व पूर्व दायित्वधारी अजेंद्र अजय ने बुधवार को प्रदेश सरकार द्वारा भू -कानून में संशोधन के अध्ययन व परीक्षण के लिए गठित समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार से भेंट कर अपने सुझाव दिए।

समिति के अध्यक्ष से भेंट के दौरान अजेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की प्राचीन काल से देवभूमि के रूप में पहचान रही है। यह क्षेत्र करोड़ों- करोड़ों हिंदुओं की आस्था व श्रद्धा का केंद्र रहा है। हिंदुओं के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, जागेश्वर आदि यहां स्थित हैं। हिंदुओं के लिए पवित्र पावनी मां गंगा व यमुना का उद्गम स्थल भी यहां अवस्थित है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यह क्षेत्र दो- दो अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से इसका विशेष महत्व है।

उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों से पर्वतीय क्षेत्र में समुदाय विशेष की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दिखाई पड़ रही है। समुदाय विशेष द्वारा बड़ी मात्रा में भूमि खरीद के प्रकरण भी समय – समय पर सामने आ रहे हैं। समुदाय विशेष द्वारा गुपचुप ढंग से धार्मिक स्थलों के निर्माण की सूचनाएं भी मिल रही हैं।

अजेंद्र ने सुझाव दिया कि भू – कानून में क्रय-विक्रय के सख्त प्रावधानों के साथ समुदाय विशेष के धार्मिक स्थलों के निर्माण पर प्रतिबंध के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।

समिति के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने आश्वासन दिया कि समिति प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट देने से पूर्व विभिन्न पक्षों से उनके सुझाव लेगी। साथ ही जन सुनवाई का अवसर भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अतिशीघ्र समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की जाएगी और उसमें समिति का डाक का पता व ई-मेल प्रकाशित किया जाएगा, ताकि लोग अपने लिखित सुझाव भेज सकें।