देहरादून। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर मंगलवार को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय आयुर्वेद संकाय मुख्य परिसर, आयुर्वेद संकाय भवन में नेताजी की जयंती का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो० राधा बल्लभ सती, परिसर निदेशक निदेशक ने की। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ० राजीव कुरेले द्वारा किया । सर्वप्रथम नेताजी की चित्र का माल्यार्पण करने के उपरांत प्रोफ़ेसर सती ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उनके संघर्षपूर्ण जीवन, आदर्श व्यक्तित्व, आजादी के लिए उनका समर्पण, आजाद हिन्द फौज का गठन, स्वाधीनता संग्राम में उनके क्रांतिकारी योगदान के संबंध में विस्तृत प्रकाश डाला। कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज़ाद भारत में पांच प्रमुख बिंदु ,-अखंड भारत, भावनात्मक एकता, व्यवस्थित प्रचार, राष्ट्र विरोधी तत्वों का दमन एवं उद्देश्य प्रधान शिक्षा को लागू करना चाहते थे । “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा! उनका यह नारा पूरे जन जन में विख्यात रहा। आज उनको संघर्ष एवं क्रांतिकारी योगदान के कारण उनको आजादी का महानायक कहा जाता है। नेताजी पर आधारित एक चलचित्र भी सभा में दिखाया गया।मुख्य फार्मेसिस्ट विवेक तिवारी ने देश भक्ति रस् से ओत-प्रोत कवितापाठ किया।

इस अवसर पर मुख्य परिसर के शिक्षक डॉ नंदकिशोर दाधीचि, डा०अनुराग वत्स , डा०अमित तमादड्डी, डा०ईला तन्ना, डा०अंजना टांक, डा०सुनील पाण्डेय, डा० अखिल जैन, डा० शिशिर प्रसाद, डा०ऋषि आर्य, डा० वर्षा, डा०अर्चना, डा०ऊषा, डा०हेमराज, डा०मनन्त, डा० प्रदीप सेमवाल , शैलेश सेमवाल, अनिल शाह, रश्मि भारद्वाज, रश्मि बहुगुणा, मीनाक्षी गौड़ , रोहित,अरविन्द, मनीष,सरोज दुवे, अमित, सुशांत, डॉक्टर चिकित्सक, अधिकारीगण, कार्यालय स्टॉप, इंटर्न, बी.ए.एम.एस.छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।