24 Aug 2025, Sun

दूसरों को सुरक्षा देने वाले खुद ही अपने को असुरक्षित कर रहे महसूस

-167 वर्ष पुराने घोड़ो के अस्तबल मे बनी धनौरी पुलिस चैकी पहुंची जरजर हालत में
रुड़की/धनौरी। अपनी जान पर खेलकर दूसरो को सुरक्षा देने वाले आज खुद ही अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण है धनौरी पुलिस चैकी की खंडर हो चुकी इमारत है।
    1842 में उत्तरी खंड गंगनहर निर्माण के समय प्रोफेसर बी कॉटली ने धनौरी में गेस्ट हाऊस के साथ साथ घोडो के अस्तबल का निर्माण कराया था। अंग्रेजो के द्वारा बनाए गए 167 वर्ष पुराने इस घोड़ो के अस्तबल यूपी सिंचाई विभाग के इस भवन में ही 1990 के दशक से धनौरी की पुलिस चैकी चल रही है। 167 वर्ष पुराना यह भवन अपनी उम्र काफी समय पहले पूरी कर चुका है। इस भवन के ठीक सामने बना गेस्ट हाउस भी करीब बीस वर्ष पूर्व भरभरा कर जमीदोंज हो चुका है। यूपी सिंचाई विभाग भी धनौरी में बने पुलो व भवनों पर अपनी उम्र पूरी करने की मोहर लगा चुका है। लेकिन इस सबके बावजूद शासन व पुलिस प्रशासन ने इस पुलिस चैकी कोई सुध नही ली है। क्या शासन व पुलिस प्रशासन कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार कर रहा है। धनौरी पुलिस चैकी पर तैनात पुलिसकर्मी भी दबी जुबान में मानते है कि इस जर जर हो चुके भवन के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस पुलिस चैकी में पुलिसकर्मियों को पीने का शुद्ध पानी तक भी उपलब्ध नही है। इस जर जर भवन के चारो ओर फैली गंदगी से यहां पर मच्छरों की भरमार है। जिस कारण आए दिन पुलिसकर्मी किसी न किसी गम्भीर बीमारी से पीड़ित रहते है। जहां एक तरफ सरकार उत्तराखण्ड के सभी पुलिस चैकी व थानों को अपग्रेड करने ढिंढोरा पीटते नही थक रही है। वही यूपी सिचाई विभाग के भवन में चल रही धनौरी पुलिस चैकी मूलभूत सुविधाओं से भी अभी तक पूर्ण रूप से वंचित है तथा इस चैकी पर तैनात पुलिसकर्मी जर जर हो चुके भवन के कारण डर के साये में जीने को विवश है। देखने वाली बात है कि कब शासन व पुलिस प्रशासन नींद से जागकर इस पुलिस चैकी की सुध लेता है।

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