चमोली। चमोली जनपद के थराली विकासखंड के सोल पट्टी के डुंग्री गांव सोमवार की सुबह भालू ने शिक्षक पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस घटना के बाद क्षेत्र में दहशत फैल गई है। गंभीर अवस्था में शिक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह करीब सवा सात बजे शिक्षक भीम सिंह स्कूल जाते समय सोल डुंग्री और गोपटारा के जंगल में घात लगाए भालू ने उन पर हमला बोल दिया, जिससे वह लहुलुहान हो गये।  नाखोली, विकासखण्ड नारायणबगड़ निवासी भीमसिंह रावत राजकीय प्राथमिक विद्यालय गोपटारा में शिक्षक के रूप में तैनात हैं। सोमवार की सबुह वह थराली से गोपटारा विद्यालय के लिए निकले। इसी दौरान लगभग साढ़े सात बजे रुईसांण से गोपटारा पैदल मार्गपर पुलिंग बैंड गधेरे के पास अचानक भालू ने उन पर हमला कर दिया। रावत ने बहादुरी दिखाते हुए भालू का डटकर मुकाबला किया, जिसके बाद भालू उन्हें घायलावस्था में छोड़कर भाग गया। गोपटारा निवासी प्रेमसिंह फरस्वाण व अन्य लोगों ने घायल शिक्षक भीम सिंह रावत को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र थराली में भर्ती करवाया, जहां चिकित्सकों ने हालत गभीर देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। प्रेमसिंह फरस्वाण का कहना है कि घटना के सूचना दिए जाने के बावजूद वन विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि सोल क्षेत्र में भालू का आतंक लंबे समय से बरकरार है। कुछ दिनों पहले ग्राम बुरसोल में भालू ने एक युवक पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। प्रशासन और वन महकमा कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक भीम सिंह नेगी पर भालू ने पीछे से हमला किया, उन्होंने तुरंत अपना बचाव किया और भालू से काफी संघर्ष किया, जिसमें उन्होंने 3 बार भालू को गिराया। संघर्ष में भालू ने पंजे से उनके सिर, माथे पर व आँखों के नीचे, काफी गहरे घाव किये, जिससे भालू भी डरने लगा। भालू ने जैसे ही उन पर हमला किया शिक्षक भीम सिंह ने अपना हाथ भालू के मुंह में डाल दिया जिससे भालू का दम घुटने लगा और भालू वह खड़ा हुआ।
स्थानीय नागरिक मुकेश बिष्ट ने दूरभाष पर बताया कि खून से लथपथ व गहरे घावों में ही, शिक्षक नेगी पैदल ही चलकर अपनी बाइक के पास आये और वहाँ किसी  2 किमी बाइक चलाकर डुंगरी पहुँचे और फिर गांव वालों व अन्य टीचर्स के सहयोग से सामुदायिक केंद्र थराली में लाया गया, जिसके के बाद 108 से कर्णप्रयाग लाया गया। जहाँ उनका उपचार किया गया।

इस घटना के बाद प्राथमिक शिक्षक संघ और विद्यालय प्रशासन ने घटना पर रोष जताते हुए शासन-प्रशासन से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है। शासन-प्रशासन से भालुओं के आतंक से निजात दिलाने और शिक्षकों की कमी पूरी करने की मांग की है।