कोटद्वार। कोरोना वायरस के खतरे के बीच उत्तराखंड के कोटद्वार में बेस अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती दुगड्डा के युवक के उपचार के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही का मामला संज्ञान में आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। डाक्टरों की ओर से बिना पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट पहने ही स्पेन से लौटे कोरोना के संदिग्ध मरीज का सात दिन तक उपचार किया। अब युवक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल के स्टाफ से लेकर पूरे क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की दहशत बनी हुई है। एहतियात के तौर पर युवक के उपचार में शामिल तीन डॉक्टर, चार नर्स और दो सफाई कर्मियों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन किया गया है।
स्पेन से गत 17 मार्च को दुगड्डा अपने घर लौटे 26 वर्षीय युवक को पीएचसी दुगड्डा में प्रारंभिक जांच करने के बाद 19 मार्च को बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोटद्वार बेस अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में युवक का एक सप्ताह तक इलाज किया गया, लेकिन डाक्टरों ने कोरोना के संदिग्ध मरीज को हल्के में लेते हुए बिना सुरक्षा के उपकरणों के उसका उपचार शुरू कर दिया। यही नहीं संबंधित डॉक्टर कोरोना मरीज के उपचार के बाद ओपीडी में अन्य मरीजों और अपने आवास पर भी मरीजों को देखते रहे। सात दिन तक सैकड़ों लोग इन डाक्टरों से अपना उपचार कराते रहे, लेकिन बुधवार शाम को जैसे ही युवक के कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई, बेस अस्पताल और दुगड्डा तक क्षेत्र के लोगों में दहशत है।