देहरादून। डेंगू का बुखार उत्तराखंड में बेकाबू होता जा रहा है। प्रदेश में अब तक लगभग 1000 लोगों को डेंगू बुखार से पीड़ित होने का अनुमान है। इसकी पुष्टि एलाइजा जांच हुई है।
देहरादून में दून चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर केके टम्टा को भी डेंगू बुखार की चपेट में आने की खबर है। उन्हें दून अस्पताल के वीआईपी वार्ड में भर्ती किया गया है। उन में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं, उनका ब्लड सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है।
वही हल्द्वानी में 55 नए रोगियों की पुष्टि एलाइजा जांच में हो गई। जिसके बाद से केवल सरकारी अस्पतालों में भर्ती कुल मरीजों की संख्या का आंकड़ा 132 के पार हो चुका है। एसटीएच में मरीजों का उपचार कर रहे चार डॉक्टर व दो नर्स भी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या का कोई आंकड़ा अब तक उपलब्ध नहीं है। कुमाऊं के सबसे बड़े डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में 78 मरीज भर्ती हैं। वहीं अब चिकनगुनिया ने भी शिकंजा कस दिया है। एसटीएच में चिकनगुनिया के तीन मरीजों भर्ती हैं। अस्पतालों में इन दिनों ब्लड की जरूरत बढ़ गई है, इसलिए मरीजों से डोनर लाने को कहा जा रहा है।
डेंगू के रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं। निजी अस्पतालों में भी डेंगू के मरीजों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।