पिथौरागढ़। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलजीबी में जौलजीबी मेले का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने मेले में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं भी की। काली एवं गोरी नदी के संगम पर स्थित जौलजीबी में प्रसिद्ध ऐतिहासिक, पारंपरिक व व्यापारिक जौलजीबी मेले का रविवार को शुभारंभ हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला हमारी बहुत बड़ी सास्कृतिक धरोहर है। मेले धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देते हैं। जौलजीबी मेले को और अधिक विकसित व सुविधायुक्त किया जाएगा। जौलजीबी मेला भारत नेपाल के मैत्री संबंधों को एक करने का कार्य करता है। मेले हमारी धरोहर एवं संस्कृति के द्योतक हैं, उन्हें हमें आगे बढ़ाते हुए जीवित रखना है।
मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न घोषणाएं भी की गईं। जिसमें चामी से मेतली तक मोटर मार्ग का निर्माण, जौलजीबी में स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण, जौलजीबी से वनराजि जनजाति बस्ती गाना गांव-पचकाना-ढुंगातोली तक सड़क का निर्माण, मवानी-दवानी से मणिधामी मोटर मार्ग का निर्माण, बसंतकोट से मुन्नगरधार-उछति-लिलम तक मोटर मार्ग का निर्माण, सिंमगड नदी के दायीं ओर स्थित घटन (नाचनी) बाढ़ सुरक्षा हेतु तटबंध निर्माण की घोषणा, मुनस्यारी बरार गाड़ के बायीं ओर खेत भराड़ गांव में बाढ़ सुरक्षा हेतु तटबंध निर्माण, एलोपैथिक चिकित्सालय तेजम का उच्चीकरण, मल्लधार से मडलकिया तक मोटर मार्ग का निर्माण, बलमरा से बसोरा-सल्याडी मोटर मार्ग का निर्माण, नोला पब्लिक स्कूल जुम्मा को अनुदान सूची में सामिल किए जाने, जौलजीबी में बुनकर भवन का निर्माण, एलोपैथिक चिकित्सालय बरम हेतु कार्रवाई करने, स्थानीय लोगों की सहमति पर मुनस्यारी को नगर पंचायत बनाए जाने और ग्राम पंचायत पांगला में स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने हेतु कार्रवाई किए जाने के साथ ही जौलजीबी मेले के आयोजन हेतु पांच लाख रुपये देने की घोषणा की गई।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि मेले धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि जौलजीबी मेले को और अधिक विकसित एवं सुविधायुक्त बनाया जाएगा। जौलजीबी मेला भारत नेपाल के मैत्री संबंधों को भी बढ़ाता है।
उन्होंने चामी से मेतली तक मोटर मार्ग का निर्माण किए जाने, जौलजीबी में स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण, जौलजीबी से वनराजि जनजाति बस्ती गानागांव- पचकाना -ढुंगातोली तक सड़क का निर्माण एवं मवानी-दवानी से मणिधामी तक मोटर मार्ग निर्माण करवाए जाने की घोषणा की। बसन्तकोट-मुन्नगरधार-उछति-लिलम तक मोटर मार्ग का निर्माण, सिंमगड नदी के दाई ओर स्थित घटन(नाचनी) में बाढ़ सुरक्षा हेतु तटबंध निर्माण, मुनस्यारी बरार गाड़ के बाईं ओर खेत भराड़ गांव में बाढ़ सुरक्षा हेतु तटबंध निर्माण एवं एलोपैथिक चिकित्सालय तेजम का उच्चीकरण किये जाने की घोषण की गई। मल्लधार से मडलकिया और बलमरा से बसोरा-सल्याडी मोटर मार्ग का निर्माण, नोला पब्लिक स्कूल जुम्मा को अनुदान सूची में शामिल किए जाने एवं जौलजीबी में बुनकर भवन का निर्माण करवाए जाने की घोषणा की गई।
धारचूला के उपजिलाधिकारी व मेला अधिकारी ए. के. शुक्ला ने बताया कि यह मेला 24 नवंबर तक चलेगा और 10 दिन के इस आयोजन के दौरान ‘रं’ समुदाय सहित उपरी हिमालयी क्षेत्र में रहने वाली जनजातियों की समृद्ध संस्कृति को दर्शाने के लिए कई कार्यक्रम होंगे। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले जनजाति समुदायों द्वारा निर्मित उनी कपड़े और सामान को बाजार उपलब्ध कराने के लिए जौलीजीबी मेले की शुरुआत बीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक में अस्कोट के पाल राजाओं ने की थी।