चित्रकूट (हि.स.)। दुनिया का पहला दिव्यांग विश्व विद्यालय स्थापित कर समाज और परिवार के उपेक्षित विकलांगों को शिक्षित और प्रशिक्षित कर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य करने वाले पद्मविभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान वर्ष 2018 का सर्वश्रेष्ठ साहित्य भूषण सम्मान देगा। इस घोषणा से धर्म नगरी में ख़ुशी की लहर है।
चित्रकूट में दुनिया का इकलौता दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित करने वाले श्रीतुलसी पीठाधीश्वर पद्मविभूषण से अलंकृत जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज को साहित्य भूषण सम्मान देने का फैसला उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सदानंद गुप्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया है। इस सम्मान में नगद राशि दो लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। जगदगुरू रामभद्राचार्य ने विभिन्न भाषाओं हिन्दी, संस्कृत में कुल मिलाकर 211 पुस्तकों की रचना की है। जगदगुरु ने दुनिया के इकलौते दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना की है जिसमें सभी छात्रों को निशुल्क भोजन, निशुल्क छात्रावास और शिक्षा की व्यवस्था है। जगद्गुरु इस विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति के पद पर समलंकृत है। विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके निकले दिव्यांग बच्चे देशभर में अपनी शिक्षक के रूप मे सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इस सम्मान की घोषणा होने पर विश्वविद्यालय परिवार के लोगों में हर्ष का माहौल है। कुलपति प्रो. योगेश चन्द्र दुबे, कुलाधिपति के सचिव आचार्य रामचंद्र दास, कुलसचिव प्रो. जीपी दुबे, वित्त अधिकारी आर पी मिश्र सहित सभी ने जगदगुरू को बधाई दी है।