देहरादून। राज्य में शुक्रवार सुबह फिर मौसम बदल गया। चारों धामों समेत औली और भराड़ीसैंण में वादियां बर्फ से लकदक हो गईं। साथ ही निचले इलाकों में दोपहर से रुक-रुककर हो रही बारिश से ठंड बढ़ गई है। जिस कारण लोगों ने अपने गर्म कपड़े फिर से बाहर निकाल लिए हैं। भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान जमकर बर्फबारी हुई। मौसम का बदलता रुख यह भी जता गया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी की विधानसभा भराड़ीसैंण के लिए ही सरकार को मौसम की चुनौती से निपटने के खास इंतजाम करने पड़ेंगे।
सरकार समेत सत्र के लिए वहां गए लोग फंस रास्ते में ही फंस गए। लगातार बर्फबारी के कारण गाड़ियों का आनाजाना भी ठप हो गया। मंत्री और विधायक विधान भवन से खाना खाने के स्थान तक नहीं पहुंच पाए। सुबह तेज हवा के साथ बादल छा गए। हवा रुकी तो कोहरा छा गया। तापमान तीन डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच गया। विधान भवन के बाहर सन्नाटा पसरा और विधायकों की सक्रियता सदन के अंदर तक सिमट गई। शुक्रवार को सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को हुई जो सत्र की वजह से भराड़ीसैंण पहुंचे थे। इन लोगों के सामने वापसी का संकट उठ खड़ा हुआ। कई सुरक्षाकर्मी इस समय भराड़ीसैंण में टैंटों में रह रहे हैं। उनके सामने भी परेशानी और बढ़ गई। बदरीनाथ, हेमकुंड और औली समेत धार्मिक व पर्यटक स्थलों के अलावा उर्गम घाटी, नीति घाटी, पाणा-ईराणी और ऊंचाई वाले स्थानों पर जमकर बर्फबारी हुई। बर्फबारी का सिलसिला देर शाम तक जारी था। वहीं निचले इलाकों में बारिश होने से पूरे जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। गौचर, कर्णप्रयाग, नौटी, नंदासैंण, आदिबदरी, नारायणबगड़, देवाल सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोग ठंड से बेहाल हैं। वांण, घेस, वांक, हिमनी, बलांण, पिनाऊं, सौरीगाड़, तोरती, रामपुर, कुलिंग, लोहाजंग आदि गांवों में ठंडी हवाएं चल रही हैं। केदारनाथ में भी दिन चढ़ने के साथ मौसम और अधिक खराब होता गया और दोपहर साढ़े 12 बजे से बारिश शुरू हो गई, जो देर शाम तक रुक-रुककर होती रही। उधर, केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ समेत अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है। मौसम खराब होने से ठंड बढ़ गई है। उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित समुद्र सतह से ढाई हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले मुखबा, हर्षिल, सुक्की, जानकीचट्टी, खरसाली, सांकरी आदि क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई। ताजा बारिश और बर्फबारी के चलते तापमान में भारी गिरावट आ गई है। बारिश ने मातली, बड़ेथी चुंगी, धरासू, ब्रह्मखाल आदि ऑल वेदर रोड निर्माण साइटों पर हालात बद से बदतर कर दिए हैं। जगह-जगह फैले मलबे के कारण यमुनोत्री एवं गंगोत्री हाईवे कीचड़ में तब्दील हो गया है। जिसके चलते यहां वाहनों की आवाजाही जोखिम भरी बनी हुई है।