देहरादून। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में उरेडा द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाय। ग्रीन एनर्जी के कॉन्सेप्ट पर अधिक कार्य किया जाय। उरेडा द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनका विकासखण्ड मुख्यालय पर होर्डिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जाय। पिरूल से बिजली उत्पादन के लिए स्वयं सहायता समूह एवं एनजीओ को कैसे जोड़ा जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पर्वतीय जनपदों में दो-दो ब्लॉक ऐसे चिन्हित किये जाय, जहां पिरूल अधिक है। इन ब्लॉकों में मॉडल ब्लॉक के रूप में कार्य शुरू किये जाय। पिरूल से बिजली उत्पादन में रोजगार में बहुत संभावनाएं है। महिला स्वयं सहायता समूहों को और अधिक एक्टिव किया जाय। इसके लिए जनपद स्तर पर डीएफओ को नोडल अधिकारी बनाया जाय। पिरूल नीति से बिजली उत्पादन के साथ ही वनाग्नि की समस्या का समाधान भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा जो बिजली के उपकरण बनाये जा रहे हैं, उनकी मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाय। विशेष उत्सवों एवं पर्वों पर सरकारी कार्यालयों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की कार्ययोजना शीघ्र तैयार कर ली जाय। पंचायतीराज विभाग के माध्यम से ग्राम प्रधानों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए। इस योजना के लिए पूरा रोड मैप तैयार किया जाय।