नैनीझील का पानी 30 फीसदी हुआ साफ, दिखने लगी मछलियां
नैनीताल। कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है। जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन दूसरी ओर लॉकडाउन के बाद देशभर की नदियां, झील, तालाब, पोखर समेत वातावरण काफी साफ हो गया है। नैनीताल और भीमताल समेत आसपास के सभी झीलों की बात करें तो यहां पानी करीब 30ः तक साफ हो गया है। जो काफी अच्छा संकेत माना जा रहा है। नैनीताल की विश्व प्रसिद्ध नैनी झील करीब 30 फीसदी तक साफ हो गई है। जिससे नैनी झील करीब 30 फीट तक की गहराई तक मछलियां साफ दिखाई दे रही है। लॉकडाउन की वजह से इन दिनों नैनीताल में गाड़ियों का संचालन और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है।
जिस वजह से झील का पानी साफ हुआ है। जानकार बताते हैं कि साल भर यहां पर्यटक समेत बाहर से आने वाले लोगों की आमद रहती है। ऐसे में होटलों, लॉजों से निकलने वाला गंदा पानी, कूड़ा नैनी झील में जाता था। जिस वजह से झील लगातार प्रदूषित होती थी, लेकिन इन दिनों नैनीताल में सन्नाटा पसरा हुआ है। जिसका असर अब नैनी झील में भी दिखने लगा है। जानकारों का मानना है कि आजादी के बाद नैनी झील पहली बार इतनी साफ देखी गई है। वहीं, इस बार नैनी झील का जलस्तर भी बीते साल के मुकाबले करीब 4 फिट ज्यादा है। क्योंकि, लॉकडाउन के चलते झील के पानी की खपत कम हुई है और आने वाले समय में नैनीताल वासियों को पीने के पानी की किल्लत नहीं होगी। वहीं, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार उपाध्याय बताते हैं कि इन दिनों झील बेहद साफ होने लगी है। पानी का पीएच लेवल (प्रजेंट ऑफ हाइड्रोजन) की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। पहले नैनी झील के पानी का पीएच लेवल 8.50 मिलीग्राम/लीटर था, जो अब 7.9 मिलीग्राम/लीटर हो चुका है। पानी के हार्डनेस में भी इस दौरान काफी अंतर आया है। पहले पानी की हार्डनेस 390 मिलीग्राम प्रति लीटर थी, जो अब 350 ग्राम प्रति मिलीलीटर है। वहीं, पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्व सॉलिड) की मात्रा पहले 450 एमएमटी था, जो अब 350 रह गई है। वहीं, लॉकडाउन से पहले झील के पानी में बैक्टीरियल इंफेक्शन की मात्रा 6500 मिलीग्राम/लीटर थी, जो अब 4200 रह गई है। जबकि, झील में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ने लगी है। जिससे लेक की हेल्थ में सुधार देखा जा रहा है।
—————————— ———————–
गंगा हुई शुद्ध, साफ नजर आने लगी मछलियां
हरिद्वार। गंगा नदी में प्रदूषण बढ़ने के कारण अकसर लाखों मछलियों की मौत हो जाती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से गंगा प्रदूषण मुक्त हो गई है। गंगा के साफ होते ही मछलियों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि होने लगी है। इनदिनों गंगा के साफ जल में काफी संख्या में मछलियां साफ दिख रही हैं।
दरअसल, गंगा में इन दिनों किसी तरह का औद्योगिक कचरा नहीं जा रहा है और न ही किसी प्रकार की कोई गंदगी डाली जा रही है। ऐसे में गंगा का यह बदलता स्वाभाविक स्वरूप सभी को अच्छा लग रहा है। गंगा में अब मछलियां भी साफ नजर आने लगी हैं। स्थानीय लोग भी इन मछलियों को चारा देने के लिए आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में गंगा में इतनी ज्यादा मछलियां नहीं देखी थी। स्थानीय निवासी शिखर पालीवाल ने बताया कि, पहले गंगा में केवल इक्का-दुक्का मछलियां ही देखने को मिलती थी। लेकिन लॉकडाउन के बाद से गंगा में काफी संख्या में मछलियां देखने को मिल रही हैं। इसके साथ ही गंगा भी प्रदूषण मुक्त हो गई है। उनका कहना है कि लॉकडाउन ने गंगा को एक नया जीवन दिया है।

