हरिद्वार। प्रवासियों को लेकर शुक्रवार को हरिद्वार से खगड़िया के लिए ट्रेन देहरादून से रवाना हुई। जिसमें हरिद्वार से 432 यात्रियों को उनके गृह जनपद भेजा गया। जिनमे कोटद्वार के 277 यात्री भी हरिद्वार से भेजे गए। इससे पूर्व प्रशासन के आलाअधिकारियों ने स्टेशन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
शुक्रवार को हरिद्वार से 432 प्रवासियों को लेकर दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर खगड़िया के लिए ट्रेन रवाना हुई। इस दौरान प्रशासन की ओर से प्रवासियों को भोजन, पानी आदि उपलब्ध करवाया गया। इस दौरान जिलाधिकारी सी रविशंकर, एसएसपी अबुदई सेंथिल कृष्णराज एस, अपर जिला अधिकारी केके मिश्रा, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एएसपी, सीओ सिटी, एएसपी रेलवे, एसीएमओ, स्टेशन अधीक्षक, रेडक्रास सोसायटी के सचिव डा. नरेश चैधरी आदि मौजूद रहे।
कोरोना वायरस जनित वैश्विक महामारी में पतंजलि योगपीठ की सेवापरक गतिविधियाँ जारी
-पतंजलि की गुणवत्तायुक्त औषधियां रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगरः आचार्य बालकृष्ण महाराज
हरिद्वार। कोरोना वायरस के संक्रमण से आज पूरे विश्व में हाहाकार मचा है। केन्द्र सरकार तथा सभी राज्य सरकारें इसकी रोकथाम के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं। किन्तु यह केवल सरकार का ही दायित्व नहीं है, देश की सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आकर सरकार का साथ देना होगा। इस महामारी से मुकाबला करने के लिए पतंजलि योगपीठ की आर्थिक सहायता तथा स्वास्थ्यपरक सेवाएँ निरंतर जारी हैं।
इसी कड़ी में पतंजलि ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सरोज नैथानी तथा उनके अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपस्थिति में जिला अस्पताल तथा हरिद्वार स्थित कोरंटाइन व आइसोलेशन केंद्रों पर औषधियों का निःशुल्क वितरण किया जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली गिलोय घनवटी, तुलसी घनवटी, अश्वगंधा कैप्सूल, श्वसारी वटी तथा अणु तेल आदि सम्मिलित हैं। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि यह वायरस हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है जिससे श्वासगत व्याधियाँ तेजी से बढ़ती हैं। अनुसंधान से स्पष्ट है कि यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों तथा कम इम्यूनिटी पॉवर वाले व्यक्तियों पर ज्यादा प्रभाव डालता है, अतः इससे बचने या इसके प्रभाव को कम करने के लिए हमें अपनी इम्यूनिटी पॉवर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि पतंजलि की गुणवत्तायुक्त औषधियाँ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर हैं। पतंजलि अनुसंधान संस्थान में भी आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा चूहों पर सफल परीक्षण किया जा चुका है।
कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए बाजार खुलने का समय बढ़ाना उचित निर्णय नहीं
हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता सुनील सेठी ने बाजार में अनावश्यक ढील बढ़ाने और लोकडाउन में छूट देने के निर्णय को उचित नही मानते हुए जिला प्रसाशन हरिद्वार से अपील की है कि समय अवधि को अनावश्यक बढ़ाया जाना उचित नही है जो समय चल रहा है उसे भी कम किया जाना चाहिए था। जब कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हो तो सरकार को जल्दबाजी में ऐसे निर्णय न लेकर व्यापारियों के टैक्स माफी , बिजली पानी के बिलो में माफी के साथ राहत पैकेज की घोषणा करना उचित कदम उठाना चाहिए था। सबसे पहले मंदिरों को खोलना चाहिए ।शिवशक्ति व्यापार मंडल अध्यक्ष विपिन शर्मा ने कहा कि जब यात्री ही नही ओर अनावश्यक सामान खरीदने के पैसे जनता के पास नही तो बाजारों में ढील देकर सिर्फ मरीजो को बढ़ाने के अलावा कुछ नही । समयावधि कम से कम 7 से 1 होनी चाहिए थी ओर अगर ऐसे ही फैसले करने है तो फिर बॉर्डर , पर्यटन लघु व्यापार सबकुछ खोल देना चाहिए लोकडाउन पूर्ण समाप्त कर देना चाहिए ।हम सरकार से मांग करते है कि उत्तराखण्ड को महाराष्ट न बनने दे। खड़खडेश्वर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश सुखीजा, एवं नई बस्ती व्यापार मंडल अध्यक्ष राहुल बंसल ने संयुक्त रूप से कहा कि अन्य प्रदेशों में आज हालात खराब है ओर उत्तराखण्ड में पिछले 1सप्ताह से मरीज लगातार बढ़ रहे है अगर ऐसा ही चलता रहा तो नुकसान ज्यादा उठाना पड़ सकता है । बाकी अब सरकार के निर्णय से व्यापारियों को अपनी ओर समाज की सुरक्षा के लिए स्वयं ही आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा और अगर ऐसा ही करना है तो पर्यटन को भी खोल देना चाहिए। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ज्वालापुर व्यापार अध्यक्ष विनय श्रोत्रिय, जागृति व्यापार मंडल अध्यक्ष नाथीराम सैनी, मायापुर व्यापार मंडल अध्यक्ष जितेंद्र चैरसिया, ऋषिकुल अध्यक्ष दीपक पांडेय, संजय मेहता,अनूप मेहता, पंकज बंसल, मनोज चैहान, दीपक मेहता,राहुल चैहान, पंकज माटा, मनोज कुमार आदित्य, रमन सिंह, तरुण व्यास, प्रीतम सिंह से वार्ता कर राय जानी।
आप नेता ने सीएम से 51 मंदिरों का अधिग्रहण करने वाले अधिनियम को वापस लेने का किया आग्रह
हरिद्वार। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड के नेता व प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अभिषेक बहुगुणा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से हाल ही में देवभूमि उत्तराखंड के 51 मंदिरों का अधिग्रहण करने वाले अधिनियम को वापस लेने का आग्रह किया। मंदिरों के अधिग्रहण को अवैध करार देते हुए उन्होंने अपने एक पत्र में मुख्यमंत्री से कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जो 51 मंदिरों का अधिग्रहण करने वाला अधिनियम लाया गया है वह देवभूमि की समस्त जनता और उसकी भक्तिभाव एवं निष्ठा पे प्रहार है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा की उत्तराखंड भाजपा सरकार ने राज्य के लगभग सभी मंदिरों को संभालने के लिए कानून लाया है और मुख्यमंत्री को बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया है। जब से सरकार ने बिल लाने का फैसला किया है, तब से देवभूमि के पुजारियों में व्यापक आक्रोश है क्योंकि ये नई प्रणाली उनकी भूमिका और कर्तव्यों को बदल देगी जो वे और उनके परिवार दशकों से करते आ रहे हैं। यह कदम न केवल अवैध है अपितु देवभूमि की भक्तिवादी नीव पे लालच का प्रहार है एवं जन विचारधारा के खिलाफ होने के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट के (सुब्रमण्यम स्वामी बनाम तमिलनाडु राज्य) के फैसले के भी खिलाफ है, जिसमे सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सरकार किसी भी मंदिर के प्रशासन को नहीं ले सकती है, सिवाय संक्षिप्त अवधि के वो भी तब जब मंदिर के धन की हेराफेरी का कोई मामला सामने आया हो।
बहुगुणा ने कहा की देवभूमि उत्तराखंड के मामलों में, बद्रीनाथ मंदिर या केदारनाथ मंदिर या किसी अन्य 49 मंदिरों के मामले में धन के ऐसे दुरुपयोग का कोई दस्तावेजीकरण नहीं है और इसलिए उत्तराखंड सरकार द्वारा लाया ये अधिनियम असंवैधानिक है। आप नेता अभिषेक बहुगुणा ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि “यह अधिनियम हम सभी प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी है और इस मामले में हमारा रुख यह है कि मंदिरों का प्रशासन भक्तों द्वारा किया जाना चाहिए न कि सरकार द्वारा। उन्होंने कहा की 2019 में भाजपा शाषित राज्य सरकार द्वारा पारित यह अधिनियम, चार धाम सर्किट से संबंधित 51 से अधिक मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेने का इरादा रखता है जिसमे सरकार की मंदिरों के खजाने पे बैठी कोई दुरमंशा की बू आती है जो की बहुत ही खतरनाक है, क्योंकि यह अधिनियम सरकार को पुजारियों, स्थानीय ट्रस्टों द्वारा वर्तमान में मंदिरों के नियंत्रण में सक्षम बनाता है और नए अधिनियम में कहा गया है कि सांसद, विधायक और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि मंदिरों को चलाएंगे। अधिनियम के अनुसार, देवस्थानम बोर्ड का प्रमुख राज्य का मुख्यमंत्री होगा, और कई सरकारी अधिकारियों को प्रशासन में रखा जाता है। अधिनियम कहता है, यदि मुख्यमंत्री हिंदू नहीं है, तो सबसे वरिष्ठ हिंदू मंत्री बोर्ड का प्रमुख होगा।
आप नेता अभिषेक बहुगुणा ने कहा की मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से निवेदन है की इस काले कानून को वापस लेने का निर्देश जल्द जारी करें ऐसा न करने की स्तिथि में यह स्पष्ट हो जायेगा की उत्तराखंड की ये भाजपा सरकार अपने किसी लोभ की पूर्ति हेतु हिंदुत्व का मुखोटा पहने देवभूमि उत्तराखंड को छल रही है एवं राज्य के मंदिरों को एक तुगलकी फरमान द्वारा जबरदस्ती अपने कब्जे में ले लेना चाहती है, ऐसी स्तिथि में आम आदमी पार्टी उत्तराखंड जनता के साथ किये जा रहे छल एवं मंदिरों के इस अधिग्रहण के खिलाफ प्रदेश भर में जनजागरण करेगी एवं देवभूमि में किये जा रहे ऐसे असंवेधानिक कार्य के खिलाफ मजबूती से लड़ेगी और जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी करेगी।
कवि बेकल की अस्थियां गंगा में प्रवाहित
हरिद्वार, आजखबर। साहित्यकार, कवि और लेखक डॉ. ताराचंद पाल बेकल की अस्थियां हरकी पैड़ी स्थित अस्थि प्रवाह घाट पर उनके पुत्र डॉ. तरुण कुमार पाल, पौत्र सात्विक व सिदार्थ ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा में प्रवाहित कीं। विदित हो कि दो दिन पूर्व उनका निधन नोएडा के एक अस्पताल में हो गया था। वह 92 वर्ष के थे।
मूलरूप से हरिद्वार, ज्वालापुर के रहने वाले डॉ. ताराचंद पाल बेकल महाकवि गीतकार गोपाल दास नीरज, बाल कवि बैरागी, कन्हैया लाल नंदन आदि के समकालीन थे। जिनके साथ उन्होंने कई राष्ट्रीय कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ का मंच साझा किया और हिंदी भाषा पुरस्कार के अलावा अनेक संस्थाआंे द्वारा श्री बेकल को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हल्द्वानी से उनके समधी मोहन पाल, गोपाल पाल, नेहा पाल, अशोक पाल ज्वालापुर से एसपी पाल, राजबहादुर, विक्रांत पाल, एसके धारिया, आनन्द धारिया आदि ने अंतिम श्रंद्धांजलि दी।