देहरादून। कोविड महामारी की तीसरी लहर की आशंका और उससे बचने एवं समाज की सहायता कैसे हो सके को लेकर आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए 22 संगठनों के कार्यकर्ता, समान विचारों के क्षेत्रीय संगठनों के पदाधिकारी व डॉक्टर्स ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय महिला समन्वय संयोजक गीता ताई ने कहा कोविड की यदि तीसरी लहर आ जाती है, तो प्रत्येक कार्यकर्ता को जनजागरण वा सहायता कार्य ग्राम स्थल तक वैसे ही पहुंचाना है। जैसे पहली और दूसरी लहर के समय किया गया।
अखिल भारतीय महिला समन्वय सह संयोजक ममता यादव ने डॉक्टर्स के मार्गदर्शन वा कार्यक्रम की सराहना की। अखिल भारतीय स्तर पर बनाए गए मॉड्यूल्स को अपनाने का आग्रह किया साथ ही प्रांत व अखिल भारतीय स्तर पर तालमेल स्थापित करने को कहा।
कार्यक्रम में डॉ शोभित गर्ग प्रसिद्ध मनोचिकिसका ने कहा कि बच्चों से अधिक तनाव अभिभावको को रहता है, उन्हें स्वयं अपने तनाव को तो दूर करना ही होगा। उन्हें सकारात्मकता का वातावरण निर्मित करना होगा। सहज एवं हल्का वातावरण सभी को स्वस्थ एवं सुरक्षा प्रदान करेगा।
बालरोग विशेषज्ञ डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि हमें सभी को टीकाकरण करवाकर सामान्य जीवन लाना होगा, क्योंकि हमें कोरोना के साथ जीने का अभ्यास करना होगा। यदि हमारी इम्यूनिटी मजबूत होती है, तो वायरस नहीं पनप सकता। डॉ. प्रभा बिष्ट ने बताया कि उचित आहार विहार विशेषकर भारतीय भोजन शरीर को पोषण प्रदान कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
कार्यक्रम में आनुसंगिक संगठनों के अतिरिक्त पतंजलि से उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी सीमा जौहर व शिवरानी तथा दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान से शुभा वर्मा सुभाषिनी व ज्योत्सना शर्मा, गंगा सुरक्षा समिति से मधु असवाल मैत्री संस्था से कुसुम जोशी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक युद्धवीर सिंह सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय कुमार, अखिल भारतीय संस्कार भारती प्रमुख मनोरमा मिश्रा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रांत महिला समन्वय संयोजक डॉ. अंजली वर्मा एवं एकता त्रिपाठी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सविता कपूर ने किया।