29 Jun 2025, Sun

कोरोना से जुड़ी खबरें……….पहाड़ों में बढ़ी संक्रमण की दर

देहरादून। प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पहाड़ों में कोरोना संक्रमण की दर सबसे ज्यादा है। टिहरी, नैनीताल और बागेश्वर जिले संक्रमण दर में प्रदेश में पहले तीन स्थान पर है। वहीं, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार जिले में संक्रमण की दर कम है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 15 मार्च से 15 जून तक प्रदेश में 40 हजार से अधिक कोविड सैंपलों की जांच की गई है। सैंपल जांच के आधार पर प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 4.54 प्रतिशत है। जिले स्तर पर संक्रमण दर में टिहरी जिला सबसे आगे है। यहां 2614 सैंपलों की जांच में 294 संक्रमित मिले। संक्रमण की दर 11.25 प्रतिशत है। वहीं, दूसरे स्थान पर नैनीताल जिले में 8.19 प्रतिशत और बागेश्वर जिले में संक्रमण की दर 7.30 प्रतिशत है। ऊधमसिंह नगर में 2.21 प्रतिशत, हरिद्वार में 3.26 प्रतिशत और देहरादून जिले में 3.35 प्रतिशत संक्रमण की दर है। कोरोना आंकड़ों का अध्ययन कर रहे सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि शहरों से ही पहाड़ों में कोरोना संक्रमण पहुंचा है। इसके बावजूद भी संक्रमण दर में पर्वतीय जिले आगे हैं। मैदानी जिलों की तर्ज पर पहाड़ों में सैंपलिंग में तेजी लाने की जरूरत है।
32 क्वारंटीन सेंटरों पर 64 नोडल अफसर नियुक्त 
देहरादून। क्वारंटीन सेंटरों से लगातार आने वाली शिकायतों को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने जिले के 32 सेंटरों पर 64 नोडल अफसर नियुक्त कर दिए। जो सेंटरों की भोजन, बिजली, पानी समेत अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखेंगे। साथ ही कोई कमी होने पर अधिकारियों को जानकारी देंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि क्वारंटीन सेंटरों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्य चिकित्साधिकारी इन सेंटरों में क्वारंटीन किए गए लोगों का नियमित चैकअप व काउंसिलिंग करवाएंगे। सेंटरों के चिकित्सा प्रभारी नोडल अफसरों को चिकित्सकीय सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण देंगे। बताया कि उप जिलाधिकारी सेंटरों का निरीक्षण कर वहां मनोरंजन के लिए किताब आदि उपलब्ध कराएंगे। वहीं, जिन सब डिवीजनों में 10 से अधिक सेंटर हैं, वहां तहसीलदार और नायब तहसीलदार निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला पूर्ति अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह सेंटर पर भोजन की व्यवस्था करें। एमडीडीए संयुक्त सचिव मीनाक्षी पटवाल को सेंटरों के नोडल अधिकारियों और तैनात चिकित्सकों के बीच समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा एडीएम प्रशासन अरविंद पांडेय को सेंटरों व वहां तैनात स्टाफ की मॉनीटरिंग के साथ ही निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान कहीं भी कोई समस्या आती है तो उसका समाधान करवाने की जिम्मेदारी भी एडीएम प्रशासन की होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी नोडल अफसर अपने नंबर भी सेंटर पर चस्पा करेंगे, ताकि लोग उस पर फोन कर अपनी समस्या बता सकें।
कोरोना काल में वैडिंग प्वांइट्स संचालकों को हुआ 175 करोड़ का नुकसान
देहरादून। यूं तो कोरोना काल में सभी क्षेत्रों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। लेकिन बीते तीन महीनो में वैडिंग प्वांइटस का व्यवसाय शून्य होने के कारण भारी नुकसान हुआ है। अब इनका रख रखाव भी वैडिंग प्वांइट्स मालिकों के लिए मुश्किल हो रहा है। देहरादून में लगभग 120 वैडिंग प्वांइट्स है। जिन्हें शादी सीजन के बाद भी बीते तीन महीनों से कोई काम नहीं मिल सका है। जिसके कारण इन्हे 170 से 180 करोड़ तक नुकसान उठाना पड़ा है। इस दौरान वैडिंग प्वांइट्स की कमाई शून्य रही है लेकिन इनके रख रखाव का खर्चा ज्यों का त्यों बना हुआ है। स्थिति यह है कि अब इन वैडिंग प्वाइंट्स के मालिकों को इनके रख रखाव में भी दिक्कतें आ रही है।
वैडिंग प्वांइट्स स्वामियों का कहना है कि शासन द्वारा शादियों में जो सीमित संख्या (50) में लोगों के साथ शादी करने की अनुमति दी गयी है उसमें कोई भी व्यक्ति वैडिंग प्वांइट्स में शादी नहीं कर रहा है। 50 लोगों की उपस्थिति के लिए एक डेढ़ लाख का वैडिंग प्वांइट्स बुक कराने का कोई तुक भी नहीं है। और न इतनी कम संख्या में वैडिंग प्वांइट्स का खर्चा निकल सकता है। वैडिंग प्वांइट्स स्वामियों की मांग है कि सरकार को 50 की संख्या बढ़ाकर 100-150 करनी चाहिए। इस बाबत पूर्व विधायक राजकुमार ने सरकार से अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने को कहा है। वहीं भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चैहान का कहना है कि समस्या उचित है तथा इस पर वह खुद मुख्यमंत्री से बात करेंगे। शादी समारोह पर जिन बैंडवालों, कैर्टस, सजावट व डीजे आदि व्यवसायियों की रोजी रोटी जुटी है वह लोग भारी आर्थिक मुश्किलों में हंै।

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